राज्यसभा में सात सत्रों की औसत उपस्थिति 78 फीसदी रही
नई दिल्ली
संसद सत्र के दौरान देश के कितने फीसदी सांसद सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं, इसको लेकर एक स्टडी की गई है. स्टडी से पता चला है कि राज्यसभा में पिछले सात सत्रों की औसत रोजाना उपस्थिति 78 फीसदी रही है. संसद के ऊपरी सदन में सांसदों की उपस्थिति के विश्लेषण से पता चला है कि अन्नाद्रमुक सदस्य एसआर बालासुब्रमण्यम सबसे नियमित राज्यसभा सदस्य हैं, जो संसद जाते हैं. 75 वर्षीय सांसद ने 7 सत्रों की सभी 138 बैठकों की कार्यवाही में भाग लिया. वहीं, सभी दिनों में सदन की प्रत्येक बैठक के दौरान केवल 30% ही उपस्थिति दर्ज की गई.
सांसदों की उपस्थिति को लेकर की गई यह स्टडी अपने आप में पहली बार की गई थी. सदन की कार्यवाही में सदस्यों की भागीदारी के पैटर्न को जानने के लिए राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के आदेश पर यह किया गया था. राज्य सभा सचिवालय ने पिछले सात सत्रों में यानी 2019 के दौरान आयोजित 248 वें और 2021 के अंतिम 254 वें मॉनसून सत्र तक सदस्यों की उपस्थिति का विश्लेषण किया. इस अवधि में आयोजित 7 सत्रों के दौरान कुल 138 बैठकें हुईं.
राज्यसभा के सदस्य जोकि मंत्री हैं, उप-सभापति, सदन के नेता और विपक्ष के नेता को अटेंडेंस रजिस्टर पर साइन करने की जरूरत नहीं होती है. वहीं, लगभग 225 सदस्यों ने संसद सदस्य (वेतन और भत्ता) अधिनियम के तहत आवश्यकतानुसार अपनी उपस्थिति दर्ज की. इस साल 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चले मॉनसून सेशन में सबसे ज्यादा डेली अटेंडेंस जोकि 82.57% थी, दर्ज की गई. वहीं, सबसे कम अटेंडेंस इसी साल 29 जनवरी से 25 मार्च तक के बजट सत्र के दौरान दर्ज हुई. उस समय 72.88% सदस्य ही रोजाना सदन पहुंचे.
इस अवधि के दौरान, 29.14% ने फुल अटेंडेंस दर्ज करवाई, जबकि केवल 1.90% ने विभिन्न कारणों से कार्यवाही में कभी भाग नहीं लिया और उन्हें सदन द्वारा अनुपस्थिति की अनुमति दी गई. कोविड प्रोटोकॉल्स के तहत हुए पहले सत्र में 99 सदस्यों ने सभी 10 बैठकों में हिस्सा लिया. यह सदन की कुल क्षमता का 44.19% है.
स्टडी से पता चलता है कि कोविड महामारी ने ऐसे सांसदों पर असर नहीं डाला जोकि पहले भी नियमित रूप से सदन आते थे. सत्र-वार, 251वें सत्र के दौरान पूर्ण उपस्थिति वाले सदस्यों की संख्या 34 (15.27%) से लेकर 254वें सत्र के दौरान 98 (46.00%) तक थी.
इसके अलावा जीरो अटेंडेंस वाले सदस्यों की संख्या 248 सेशन में दो (0.90%) से लेकर 252वें सेशन में 21 (9.38%) थी. कानून के तहत, सदस्यों को सदन की प्रत्येक बैठक के दौरान अटेंडेंस रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने की जरूरत होती है और ऐसा नहीं करने पर 2000 रुपये के दैनिक भत्ते का भुगतान नहीं किया जाता. राज्यसभा के पांच सदस्य डॉ. अशोक वाजपेयी, डॉ. डी.पी.वत्स, नीरज शेखर, विकास महात्मे और रामकुमार वर्मा ने छह सत्रों में पूर्ण उपस्थिति दर्ज की