मछली खाने से यह सब बीमारियों से छुटकारा

सूजन और सेहत का आपस में एक अजीब सा रिश्ता है। सूजन ना केवल हमारी शारीरिक क्षमताओं पर असर डालती है। बल्कि यह कई दूसरी समस्याओं को भी बढ़ा देती है। हाल ही में हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग द्वारा बताया गया है कि जब भी शरीर में कोई चोट या इंजरी होती है, तो शरीर वहां व्हाइट ब्लड सेल्स को भेजता है, जिससे सूजन से राहत मिल जाए।

लेकिन जब एक व्यक्ति लंबे समय तक चोट या इंजरी से ही पीड़ित होता है तो सूजन की समस्या अधिक गंभीर हो जाती है और दूसरी कई समस्याओं को जन्म दे देती है।

​खराब डाइट से बढ़ जाती है सूजन

वहां सूजन की समस्या की मुख्य वजह एक खराब डाइट भी है। ऐसे लोग जो अक्सर अपनी खाद्य सामग्री में सैचुरेटेड फैट और रिफाइंड शुगर से बने हुए उत्पादों का सेवन करते हैं उन्हें यह दिक्कत अधिक होती है।

वहीं अगर डाइट में ऐसी खाद्य सामग्री का सेवन किया जाए, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, तो सूजन की समस्या से राहत पाई जा सकती है। ऐसे में आपके लिए मैकरेल फिश का सेवन आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होगा। आइए जानते हैं कैसे।

​यह मछली सूजन को कैसे कम करती है

मैकरेल एक फैटी और ऑयली फिश है जिसके अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और आपके हृदय को रोग मुक्त रखता है। साथ ही यह मैकरेल फिश को वजन घटाने में भी कारगर मानी जाती है।

​ओमेगा 3 का भंडार है ये मछली

आपको बता दें इस फिश में एकोसेपेंटेनॉइक एसिड और डोकोसैक्सिनोइक एसिड प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो ओमेगा 3 एस का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यही नहीं इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस के मुताबिक मैकरेल फिश की महज 100 ग्राम खुराक में आपको 2.5 ग्राम ओमेगा 3 मिल जाता है, जो अन्य किसी भी खाद्य सामग्री के मुकाबले ज्यादा है। वहीं अगर आप इसका सेवन नियमित रूप से करते हैं तो इससे सूजन की समस्या पैदा होने का खतरा कम हो जाता है।

ओमेगा-3 हमारे शरीर के लिए किसी ट्रंप कार्ड से कम नहीं है। आपको बता दें कि यह शरीर में साइटोकिन्स नामक प्रोटीन को नियंत्रित करके रखता है, जो कि एक एंटी इंफ्लेमेटरी रोल अदा करता है। वहीं जर्नल न्यूट्रिएंट में प्रकाशित एक लेख से पता चलता है कि ओमेगा – 3 के जरिए शरीर में एंटी इंफ्लेमेटरी गतिविधि बढ़ जाती है।

​हृदय रोग और डायबिटीज का खतरा भी कम करती है ये मछली

इसके अलावा वैज्ञानिकों का मानना है कि इन पोषक तत्वों के जरिए हृदय रोग और डायबिटीज के खतरे को भी कम किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद हैं जिनकी फैमिली हिस्ट्री में लोग इस तरह के रोग से पीड़ित थे।

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