योगेंद्र यादव कांग्रेस के एजेंट, जहां कांग्रेस की सत्ता वहां किसानों की समस्या पर नहीं बोलते: दिग्विजय चौटाला
चंडीगढ़
जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि योगेंद्र यादव को किसानों के फायदे अच्छे नहीं लगते है क्योंकि उन्हें कांग्रेस पसंद है और कांग्रेस के फायदे के लिए वे राजनीतिक साजिश के तहत तीन नए कानूनों का मुद्दा हल नहीं होने दे रहे। दिग्विजय ने कहा कि दोहरा चरित्र रखने वाले योगेंद्र यादव राजस्थान में किसानों की समस्याओं पर कभी नहीं बोलते, क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि योगेंद्र यादव केंद्र में पूर्व कांग्रेस सरकार में अच्छे-अच्छे पदों का आनंद उठा चुके हैं। मंगलवार को जेजेपी प्रदेश कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिग्विजय चौटाला पत्रकारों से रूबरू थे।
इन दौरान उन्होंने योगेंद्र यादव द्वारा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से पूछे गए 10 सवालों का जवाब दिया और उनसे छह प्रश्नों का उत्तर मांगा। साथ ही दिग्विजय ने किसानों के मुद्दों पर कभी भी और किसी भी माध्यम पर चर्चा करने के लिए योगेंद्र यादव को खुली बहस की चुनौती दी। जेजेपी प्रधान महासचिव ने कहा कि योगेंद्र यादव यूपीए सरकार के दौरान आठ साल में कम से कम 22 ऐसी कमेटियों के सदस्य रहे जिनमें नियुक्ति केंद्र सरकार के माध्यम से होती है, वे इन अच्छे पदों पर आनंद लेते रहे। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज योगेंद्र यादव का ध्यान किसान कानून या किसानों को अच्छा एमएसपी दिलवाने पर नहीं है क्योंकि कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर उनका टारगेट केवल दुष्यंत चौटाला हैं। दिग्विजय चौटाला ने योगेंद्र यादव से अपने सवालों का उत्तर मांगते हुए पूछा कि नेताओं के विरोध में पिक एंड चूज की पॉलिसी क्यों अपनाई जा रही है।
कुछ खास नेताओं और कुछ क्षेत्रों में ही विरोध क्यों किया जा रहा है और आपके खुद के क्षेत्र में कोई विरोध, टोल बंद आदि क्यों नहीं हो रहा है ? उन्होने पूछा कि हरियाणा के किसानों को आप बार-बार गुमराह कर रहे हो और भड़का रहे हो जबकि राजस्थान में बाजरे की सरकारी खरीद तक नहीं हो रही और वहां के किसान हरियाणा आकर बाजरा बेचते हैं। राजस्थान के किसानों की आपको कभी चिंता नहीं हुई क्या? दिग्विजय ने पूछा कि हरियाणा देश में सबसे ज्यादा 11 फसलों को एमएसपी पर खरीदता है और आप यहीं पर एमएसपी खत्म होने का डर बताकर आंदोलन करते हो। किसी अन्य राज्य में एमएसपी की फसलों की संख्या बढ़वाने पर आपका क्यों ध्यान नहीं है? दिग्विजय ने यह भी सवाल पूछा कि हरियाणा देश में गन्ने का सर्वाधिक मूल्य 362 रुपये क्विंटल देता है जबकि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 325 रुपये का रेट मिल रहा है। आप गन्ना सर्वाधिक दाम पर खरीदने पर हरियाणा सरकार की तारीफ और उत्तरप्रदेश में किसानों को जागरूक क्यों नहीं करते? उन्होंने पूछा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बार-बार किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत के लिए मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है।
आपने उस पर कभी निमंत्रण स्वीकार कर बातचीत बहाल करवाने में सहयोग क्यों नहीं किया। क्या आप चाहते हैं कि बातचीत हो? अगर हां, तो बीते 9 महीने में इस बारे में आपके उठाए कदमों के बारे में बताएं। दिग्विजय ने पूछा कि आप बार-बार उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मांगते हैं जबकि आपके ही साथी गुरनाम चढ़ूनी कहते हैं कि सदन में रहकर ही आवाज़ प्रमुखता से उठाई जा सकती है और किसान हित में काम किए जा सकते हैं। आपको दुष्यंत चौटाला जी के पद पर रहकर लोगों के काम करने से इतनी तकलीफ क्यों है?