पायलट प्रोजेक्ट: जबलपुर बन गया है महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा का शहर

जबलपुर
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर महिलाओं पर अत्याचार के लिए बदनाम हो चली है. यह घरेलू हिंसा के मामले में सबसे आगे है. यहां पति पत्नी के बीच हो रहे झगड़ों के मामले पुलिस के नए ऑनलाइन प्लेटफार्म सिस्टम पर आ रहे हैं. पुलिस इन मामलों का ऑनलाइन ही निपटारा कर रही.

एमपी के बड़े महानगरों में जबलपुर में पति-पत्नी के बीच सबसे ज्यादा विवाद हो रहे हैं. सरकार ने बड़े महानगरों में मीडिएशन प्लेटफार्म पायलेट प्रोजेक्ट 10 जुलाई को शुरू किया था. इसकी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के तीन जिलों ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद से जुड़ी शिकायतों में से कुल 4 हजार 215 शिकायतों को काउंसलिंग में लिया गया. इसमें से 37.04 प्रतिशत मामलों में राजीनामा करा दिया.

भोपाल के 1 हजार 62 में से 215 मामले, ग्वालियर के 1 हजार 258 में से 217 मामले और सबसे ज्यादा जबलपुर के 1 हजार 895 में से 478 मामले शामिल हैं. काउंसलिंग में आने वाले मामलों की तत्काल वर्चुअल सुनवाई कर उनका निपटारा किया गया.

महिला अपराध सेल की डीएसपी निधि सक्सेना ने कहा घर बैठे मीडिएशन प्लेटफार्म के जरिए वर्चुअल मामलों का निपटारा हो रहा है. इस व्यवस्‍था का फायदा दोनों पक्षों को हो रहा और विवाद सुलझाने में आसानी भी हो रही है. समा संस्‍था के तकनीकी सहयोग से मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और एमपी पुलिस ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसमें अब पुलिस की ऊर्जा डेस्क, महिला हेल्प डेस्क समेत दूसरे प्लेटफॉर्म से  आने वाले मामलों को ऑनलाइन मध्यस्तता से सुलझाया जा रहा है. प्रक्रिया पूरी तरह से ही ऑनलाइन है और दोनों पक्षों के अपने अपने घरों में रहते हुए बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जा रहा है. निधि सक्सेना ने बताया ऑनलाइन अपॉइंटमेंट दोनों पक्षों को दिया जाता है. इसके बाद काउंसलर उनकी काउंसलिंग करते हैं. अधिकांश मामले राजीनामे से सुलझ जाते हैं. लेकिन जो मामले नहीं सुलझते, उनमें आगे कार्रवाई के लिए राय और मार्गदर्शन दिया जाता है.

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