हाईकोर्ट बोला – रेस्टोरेंट और बार हर्बल हुक्का सर्व करने की अनुमति देने पर 5 दिन में विचार करे सरकार

नई दिल्ली

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक बार फिर से दिल्ली सरकार को राजधानी के रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने व बेचने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर देबारा से विचार करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह आदेश तब दिया जब रेस्टोरेंट और बार संचालकों ने इस बात का भरोसा दिया कि वे सिर्फ खुले जगहों पर ही हुक्का सर्व करेंगे। जस्टिस रेखा पल्ली ने रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने और बेचने पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ रेस्टोरेंट और बार संचालकों की ओर से दाखिल याचतकाओं पर विचार करते हुए दिया है। उन्होंने सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करने के लिए 5 दिन का वक्त दिया है। न्यायालय ने कहा है कि सरकार को यदि अब भी लगता है कि रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का पर प्रतिबंध जरूरी है, तो इस बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले सरकार ने न्यायालय को बताया कि उसने 14 अक्तूबर, 2021 को रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने और बेचने पर प्रतिबंध लगाने के 3 अग्सत, 2020 के निर्णय पर पुर्नविचार करने के बाद यह फैसला लिया कि फिलहाल तम्बाकू या इसके बगैर भी हुक्का सर्ब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

 

दूसरी तरफ रेस्टोरेंट और बार संचालकों ने न्यायालय को बताया कि वे इस बात का हलफनामा देने को तैयार है कि हुक्का सिर्फ खुले जगहों पर सर्व किया जाएगा। साथ ही कहा है कि एक हुक्का का इस्तेमाल सिर्फ एक व्यक्ति ही करेगा, इसे किसी अन्य से साझा करने की अनुमति नहीं होगी। मामले की सुनवाई अब 29 अक्तूबर को होगी। न्यायालय ने 17 सितंबर को भी रेस्टोरेंट और बार में हर्बल हुक्का सर्व करने व बेचने की अनुमति देने के बारे में डीडीएमए को विचार करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हर्बल हुक्का के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है तो सांस विश्लेषण (ब्रीद एनालाइजर टेस्ट) जांच की अनुमति क्यों दी जा रही है। इससे पहले सरकार की ओर से स्थाई अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी ने कहा था कि कोरोना को लेकर स्थिति अब भी काफी खराब है, लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। उन्होंने कहा था कि रेस्टोरेंट और बार में हुक्का की अनुमति देने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली को हुक्का बार खोलने की कीमत चुकानी होगी। त्रिपाठी ने कहा था कि हम अपने कार में अकेले मास्क पहने हुए हैं, ऐसे में बार में हुक्का सर्व करने की अनुमति कैसे की जा सकती है। सरकार ने कहा कि हुक्का बार खोलने की अनुमति से लोगों की जान चली जाएगी, हुक्का महत्वपूर्ण नहीं, जीवन महत्वपूर्ण है।

 

रेस्टोरेंट और बार संचालकों को परेशान नहीं करे पुलिस

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह अनावश्यक रूप से रेस्टोरेंट और बार संलाकों को परेशान नहीं करे। न्यायालय ने कहा है कि रेस्टोरेंट और बार के बाहर यदि तय जगह में वाहन का पार्किंग हो रहा है तो किसी को परेशान नहीं किया जाए। हालांकि पुलिस को औचक निरीक्षण करने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने यह आदेश तब दिया जब रेस्टोरेंट और बार संचालकों की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि रेस्टोरेंट और बार के बाहर वाहन पार्क करने पर पुलिस परेशान करती है।

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