सूडान में सेना ने किया तख्तापलट, झड़प में 3 लोगों की मौत, 80 घायल
दिल्ली
सूडान के सेना प्रमुख जनरल आब्देल-फतह बुरहान ने देश में आपातकाल का ऐलान करके सरकार और सेना व नागरिक प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाई गई संप्रभु परिषद (Sovereign Council) को भंग कर दिया है। सूडान में सेना ने तख्तापलट कर देश में आपातकाल लागू कर दिया है। ज्यादातर मंत्रियों और सरकार समर्थक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। सामाजिक संस्था 'सूडान डॉक्टर्स कमेटी' ने कहा है कि प्रदर्शनकारी भीड़ पर गोलीबारी की गई है, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। सूडान के सैन्य अधिकारियों और जनता के बीच असंतोष लगातार बढ़ रहा था। 2019 में उमर अल-बशीर के सत्ता से बाहर होने के बाद सेना को सत्ता में भागीदार बनाए जाने की बात थी। तब से राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई संप्रभु परिषद ही देश पर शासन कर रही थी। यह प्रावधान नई सरकार के चुने जाने तक रहना था। प्रधानमंत्री गिरफ्तार सूडान के सूचना मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदूक को अपहृत कर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है क्योंकि उन्होंने तख्तापलट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। सेना ने प्रधानमंत्री के बारे में फिलहाल कोई सूचना नहीं दी है।
मंत्रालय ने कहा कि हमदूक ने सूडानी जनता से इस तख्तापलट का विरोध करने और 'क्रांति की रक्षा' करने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है कि सैनिकों ने ओमदरमान शहर में स्थित सरकारी टीवी और रेडियो चैनलों के मुख्यालयों में घुसकर कुछ कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया। राजधानी खारतूम के अलावा ओमदरमान में तख्तापलट के विरोध में कुछ प्रदर्शन होने की खबरें हैं। टीवी ने ऐसे वीडियो दिखाए हैं जिनमें लोगों को बैरिकेड पार करके सैन्य भवनों की ओर जाते देखा जा सकता है। सूडान में नॉरवेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के निदेशक विल कार्टर ने खारतूम से बात करते हुए डॉयचे वेले को बताया, "हमने सैन्य वाहनों के काफिलों को भीड़ जमा होने से रोकते और कई बार हिंसा के बल पर हटाते भी देखा है।
अभी बहुत कुछ घट रहा है जिसे समझे जाने की जरूरत है। तनाव बहुत ज्यादा है। और ऐसा तब हो रहा है जब देश पहले ही एक मानवीय आपातकाल के बीच में है व लाखों लोग खतरे में हैं" पूरी स्थिति को तख्तापलट बताते हुए सूचना मंत्रालय ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने की मांग की है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य और केंद्रीय कर्मचारी तख्तापलट के जवाब में हड़ताल करेंगे. सेना ने क्या कहा? एक टीवी संदेश में जनरल बुरहान ने कहा है कि जुलाई 2023 में आम चुनाव होने तक विशेषज्ञों की एक सरकार देश का नेतृत्व करेगी।