रुकेगा नहीं झुकेगा नहीं, इस दिवाली तूफान उठेगा : ज़ी सिनेमा पर तूफान का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर
~ज़ी सिनेमा दिखाएगा तूफान का दिवाली स्पेशल प्रीमियर 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे~
कहते हैं, “ये बात मायने नहीं रखती कि आप कैसे गिरते हैं, बल्कि गिरने के बाद आप किस तरह उठते हैं, यही बात आपको चैंपियन बनाती है।” पक्के इरादों, जुनून और अटूट उत्साह के एक बेमिसाल सफर के गवाह बनने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि ज़ी सिनेमा 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे फिल्म ‘तूफान’ के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के साथ आपकी दिवाली को रोशन करने के लिए तैयार है। जब आप फरहान अख्तर के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में सिर्फ एक चीज आती है और वो है बेधड़क। राकेश ओमप्रकाश मेहरा का कहानी कहने का बेमिसाल अंदाज़ और अपने किरदार में ढलने की फरहान की नायाब कोशिश फिल्म ‘तूफान’ को स्पोर्ट्स ड्रामा से कुछ ज्यादा बनाती है। ये खूबियां इस फिल्म को एक भावना, एक प्रेरणा बना देती है।
जैसा कि इस फिल्म में परेश रावल कहते हैं, “ये तेरा बॉक्सिंग का रिंग नहीं है, ये तेरा घर है। खून पसीना एक करके तूने अपना घर बनाया है… संभाल उसको”, ये फिल्म भी हमें सिखाती है कि हमें कभी छोटी-मोटी मुश्किलों से चारों खाने चित नहीं होना चाहिए, बल्कि पलटवार करके अपने सपनों के लिए लड़ते रहना चाहिए। एक्सेल एंटरटेनमेंट के निर्माण और राकेश ओमप्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी इस फिल्म का नेतृत्व फरहान अख्तर ने किया है, जिनके साथ परेश रावल, मृणाल ठाकुर, दर्शन कुमार और सुप्रिया पाठक जैसे शानदार कलाकारों की जोरदार परफॉर्मेंस है। ‘तूफान’ अज़ीज़ के अटूट इरादों की कहानी है, जो एक अनाथ गुंडा है और जब जिंदगी उसे चारों खाने चित कर देती है, तो वो अपनी आक्रामकता को अपना जुनून बना लेता है। इस फेस्टिव सीज़न में देखिए अज्जू भाई से अज़ीज़ अली बॉक्सर बनने का तूफानी सफर।
इस फिल्म के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर को लेकर फरहान अख्तर ने कहा, “तूफान में काम करते हुए मैंने महसूस किया कि जब आपको अज़ीज़ जैसा किरदार निभाना हो, तो इसमें कोई शॉर्टकट नहीं चलता और मुझे लगता है कि यही इस किरदार की खूबसूरती है। इस अनुभव से मुझे ये विश्वास हो गया है कि जिंदगी में भी कोई शॉर्टकट्स नहीं होते। आपको दृढ़ विश्वास के साथ खुद को चुनौती देते रहना पड़ता है। अपने किरदार के लिए पूरी ईमानदारी के साथ अपना बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन करने के लिए मैंने काफी वजन बढ़ाया और फिर अपनी छरहरी कद काठी बनाने के लिए सारा वजन घटाया। जहां सेट पर सभी लोग बड़े मजे से दावत उड़ाते थे, वहीं मैं एक कोने में बैठकर ब्रोकली और ग्रिल्ड चिकन खाता था। संक्षेप में कहूं तो यदि आप में लगन है, तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकता। अज़ीज़ अली बॉक्सर का सफर भी ऐसा ही है। तो आप भी ज़ी सिनेमा पर फिल्म ‘तूफान’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर देखना ना भूलें।
अपने किरदार के बारे में बताते हुए मृणाल ठाकुर कहती हैं, “असल में मैं राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसे चर्चित डायरेक्टर के साथ काम करना चाहती थी और इसी कारण मेरी ‘तूफान’ में काम करने की इच्छा जागी। हमारी पहली मुलाकात में ही वो अनन्या के किरदार के लिए मुझमें बारीकियां ढूंढ रहे थे, जिसके बारे में मुझे उस वक्त नहीं पता था। अनन्या का किरदार वाकई बहुत पॉजिटिव, निडर और बोल्ड है, जो हमेशा अज़ीज़ को हिम्मत देती है। इस किरदार के जरिए मेरा बहुत विकास हुआ। ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे इस किरदार में उतरने का मौका मिला।”
अपना अनुभव बताते हुए राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहा, “जहां तूफान एक काल्पनिक कहानी है, वहीं यह असली जिंदगी, असली लोगों और उनके सच्चे संघर्षों से प्रेरित है, जिनके बारे में मैंने सुना और देखा है। बॉक्सिंग एक अकेला स्पोर्ट है, जिसमें लचीलेपन की जरूरत होती है। यह एक ऐसा खेल है, जिसमें आपको आखिरी तक खड़े रहना पड़ता है, वो भी बिना गिरे। यह बिल्कुल जिंदगी के फलसफे जैसा है। इस फिल्म को देखने के अनुभव को विश्वसनीय बनाने के लिए हमने पूरी तरह मुंबई के रियल लोकेशंस पर इसकी शूटिंग की। इसमें आप एक्टर्स को बड़े तंग इलाकों में देखेंगे, जहां न तो एयर कंडीशनिंग थी और ना ही मेकअप करने की जगह! यह शूटिंग करने का एक अनोखा अनुभव था।”
फरहान अख्तर के स्टोरी आइडिया और अंजुम राजाबली के स्क्रीनप्ले पर आधारित फिल्म ‘तूफान’ हफ्ता वसूली करने वाले डोंगरी के एक अनाथ युवक के इर्द-गिर्द घूमती है। उसकी जिंदगी उस वक्त एक अलग मोड़ लेती है, जब उसकी मुलाकात अनन्या से होती है, जो उसकी सच्ची लगन यानी कि बॉक्सिंग को फॉलो करने के लिए उसे बढ़ावा देती है। इसके बाद वो अपनी जिंदगी बॉक्सिंग के नाम कर देता है।
लगन और ज़िद की बेमिसाल कहानी ‘तूफान’ के साथ आप भी अज़ीज़ के सफर पर चलने के लिए तैयार हो जाइए, 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर!