50 साल से ऊपर के जूनियर इंजीनियर्स को हटाने की तैयारी में बिहार सरकार, बनाई विशेष कमेटी
पटना
ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत कनीय अभियंता (असैनिक) को कार्यदक्षता के आधार पर हटाया जाएगा। अभियंताओं के काम का मूल्याकंन करने के लिए विभाग ने एक विशेष कमेटी बनाई है। कमेटी के अध्यक्ष विशेष सचिव, अपर सचिव या संयुक्त सचिव में से कोई एक होंगे।
विभागीय मंत्री व सचिव की सहमति के बाद ही कमेटी गठित की गई है। अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा ने कमेटी गठन की अधिसूचना जारी की है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पहले ही निर्णय लिया गया है कि 50 वर्ष से ऊपर वाले कर्मियों को कार्यदक्षता के आधार पर नौकरी से जबरन हटाया जाए। 23 जुलाई 2020 को इस बाबत आदेश जारी किया जा चुका है। उस आदेश के आलोक में कई विभागों में विशेषकर इंजीनियरों को कार्यदक्षता के आधार पर हटाया जा चुका है। जबरन रिटायर की शुरुआत भवन निर्माण विभाग से हुई थी। इसी क्रम में ग्रामीण कार्य विभाग ने जूनियर इंजीनियर सिविल श्रेणी को भी कार्यदक्षता के आधार पर हटाने का निर्णय लिया है। इसके लिए कमेटी गठित की गई है।
कमेटी में अध्यक्ष के अलावा मुख्य अभियंता एक, दो, तीन व चार को सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में विभागीय निगरानी प्रशाखा के नोडल पदाधिकारी, अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में कार्यपालक अभियंता नुरुल एन इशरत, एससी से सहायक अभियंता वरुण कुमार को सदस्य बनाया गया है। जबकि सदस्य सचिव प्रशाखा पदाधिकारी-चार को बनाया गया है।
कमेटी उन इंजीनियरों पर नजर रखेगी जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होगी। इनकी कार्यक्षमता के साथ ही आचार-व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा। कमेटी यह देखेगी कि वैसे कनीय अभियंता को सेवा में बनाए रखना न्यायसंगत है या नहीं। लोकहित में उनका आचरण या कार्यदक्षता नहीं होने पर उन्हें हटाया जाएगा। कमेटी की अनुशंसा ही पर ही कनीय अभियंता को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।