उपचुनाव में कांग्रेस की बल्ले-बल्ले, लेकिन नॉर्थ ईस्ट में भाजपा कर गई क्लीन स्वीप

 नई दिल्ली
देश के 14 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 29 विधानसभा और तीन लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए। इसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सहयोगियों के साथ असम सहित उत्तर-पूर्व में अपने प्रभुत्व की फिर पुष्टि की है। वहीं, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में एक बड़ा उलटफेर किया। राजस्थान में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है। आपको बता दें कि नागालैंड की एक सीट पर 13 अक्टूबर को विजेता निर्विरोध घोषित किया गया था।

इन उपचुनवों में भाजपा के पास खुशी का कारण है असम, मध्य प्रदेश, उत्तर-पूर्व और तेलंगाना, जहां उसने कई सीटें जीती हैं। हालांकि भगवा पार्टी के लिए हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और बंगाल में प्रदर्शन चिंताजनक रही है। कांग्रेस हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में अपने प्रदर्शन से उत्साहित महसूस कर रही है। कर्नाटक में उसने वर्तमान मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई के गृह जिले में सीट जीतकर बड़ा झटका दिया है। हालांकि, असम में उसका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

बिहार की बात करें तो यहां जनता दल (यूनाइटेड) ने एक मजबूत प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) यहां एक भी सीट जीतने में असफल रही। दादरा और नगर हवेली, शिवसेना के लिए महाराष्ट्र के बाहर पहली लोकसभा सीट बन गई है। इसके अलावा हरियाणा में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के अभय चौटाला ने तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए खाली की गई सीट को वापस जीत लिया।

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह अंतिम दौर का उपचुनाव है। कुल मिलाकर भाजपा और उसके सहयोगियों ने 16 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने आठ विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। अन्य विपक्षी दलों ने छह विधानसभा और एक लोकसभा सीट जीती है।

हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने उपचुनाव में भारी जीत हासिल की है। इसने सत्तारूढ़ भाजपा से मंडी लोकसभा क्षेत्र और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र को छीन लिया और अर्की और फतेहपुर विधानसभा सीटों को बरकरार रखा। राज्य में अगले साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सबसे बड़ा उलटफेर मंडी में हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने 7,490 मतों से जीत हासिल की। 2019 में बीजेपी के राम स्वरूप शर्मा ने 450,000 वोटों से सीट जीती थी। यह जीत मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के लिए एक झटका थी। मंडी को ठाकुर का घरेलू मैदान माना जाता है।

असम और उत्तर-पूर्व: भाजपा और उसके सहयोगियों ने उत्तर-पूर्व में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने चार राज्यों की सभी 10 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। असम में पांच सीटों पर उपचुनाव हुए थे। सत्तारूढ़ भाजपा ने तीन पर जीत हासिल की। उसके सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने अन्य दो सीटों पर जीत हासिल की। मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के उम्मीदवारों ने तीन में से दो सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सहयोगी, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), तीसरी सीट पर विजेता बनी। मिजोरम में, सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के उम्मीदवार के लालदावंगलियाना ने एकमात्र उपचुनाव जीता। नागालैंड में, सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने शामटोर-चेसोर विधानसभा क्षेत्र को बरकरार रखा और अपने उम्मीदवार एस केओशू यिमचुंगर को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया।

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