उपचुनाव परिणाम के बाद सोनिया दरबार में कमलनाथ की हाजिरी

भोपाल
 मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ माहौल होने के बावजूद लोकसभा एवं विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद जैसे ही कमलनाथ की मुखालफत शुरू हुई, वह दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने जा पहुंचे।

दिल्ली में कमलनाथ और सोनिया गांधी के बीच 1 घंटे बातचीत हुई
इससे पहले कि कयासों को हवा मिलती मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है और मध्यप्रदेश के ताज़ा हालात के साथ-साथ विभिन्न प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि इस बार भी कमलनाथ ने अपने सर्वे और पर्सनल ओपिनियन के बेस पर टिकट दिए थे। यदि रैगांव विधानसभा सीट पर शिवराज सिंह चौहान का डिसीजन गलत नहीं होता, तो वह सीट भी कांग्रेस पार्टी के खाते में आने वाली नहीं थी।

कमलनाथ को हाईकमान की गुडबुक में बने रहना आता है
कमलनाथ भले ही आम जनता के नेता ना हों। जनता को आकर्षित करने वाली राजनीतिक गतिविधियां नहीं कर पाते हों लेकिन हाईकमान की गुडबुक में बने रहने की कला में डबल डॉक्टरेट हासिल है। संजय गांधी के बाद जब कांग्रेस के हालात बदले तब संजय गांधी के कई साथी पार्टी से बाहर हो गए थे परंतु संजय गांधी के सबसे अच्छे दोस्त होने के बावजूद कमलनाथ ना केवल इंदिरा गांधी बल्कि सोनिया गांधी के समय भी कांग्रेस पार्टी में पावर में बने हुए हैं। एक के बाद एक कई नकारात्मक परिणामों और जमीनी कार्यकर्ताओं कि हाईकमान तक शिकायतों के बावजूद कमलनाथ की ताकत में कोई कमी नहीं आई है।

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