पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने उपचुनाव में हार के कारण जानने 9 नवंबर को बैठक बुलाई

भोपाल

मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए उप चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में मंथन का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार 9 नवंबर को बैठक बुलाई है। इसमें उम्मीदवारों के साथ चुनाव प्रभारियों, सह प्रभारियों और समन्वयकों को भी बुलाया गया है। बैठक में हार के कारणों को तलाशा जाएगा। माना जा रहा है कि बैठक में चुनाव प्रभारियों पर गाज गिर सकती है। बता दें कि कांग्रेस को खंडवा लोकसभा के अलावा पृथ्वीपुर और जोबट सीट पर हार मिली है। हालांकि, कांग्रेस ने 31 साल से BJP के कब्जे में रही रैगांव विधानसभा सीट जीत ली है।

सूत्रों का कहना है कि बैठक में फीडबैक के आधार पर कुछ नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। दरअसल, इस उपचुनाव में कांग्रेस को अपनी दो पारंपरिक सीटें (पृथ्वीपुर व जोबट) गंवानी पड़ी। इसके साथ ही खंडवा लोकसभा क्षेत्र में पूरी जोर आजमाइश के बावजूद भी पार्टी को सफलता हाथ नहीं लगी।

मध्य प्रदेश उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था और कांग्रेस नेताओं को सकारात्मक नतीजों की पूरी उम्मीद थी। कांग्रेस के पास महंगाई, बेरोजगारी, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार व अन्य मुद्दे भी थे, लेकिन कांग्रेस न मुद्दों को भुना पाई और न ही BJP सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का कांग्रेस को ज्यादा फायदा मिला। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं की अंतर्कलह कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गई।

खंडवा में अंतर्कलह भी सामने आया
खंडवा लोकसभा क्षेत्र में अंतर्कलह भी सामने आई है। कांग्रेस ने मतदान के बाद पूर्व मंत्री अरुण यादव के करीबी एक कार्यकर्ता असद को निष्कासित कर दिया था। बता दें कि अरुण यादव खंडवा से प्रबल दावेदार थे, लेकिन कमलनाथ का विपरीत रुख देखते हुए उन्होंने खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। ऐसे में इस बात की भी चर्चाएं हैं कि अरुण यादव के समर्थकों ने कांग्रेस उम्मीदवार राजनारायण सिंह पुरनी का पुरजोर तरीके से समर्थन नहीं किया। हालांकि, खुद अरुण यादव चुनाव प्रचार में खूब सक्रिय दिखे।

राजनारायण ने साधा था निशाना
खंडवा में हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण सिंह तो खुलेआम अरुण यादव का नाम लेकर निशाना साध चुके हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भी वही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। बहरहाल, अब समीक्षा बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। कमलनाथ ने यह बैठक ऐसे समय में बुलाई है, जब शनिवार को ही वह सोनिया गांधी से मिलकर उपचुनावों में हुई हार को लेकर चर्चा कर चुके हैं।

जिम्मेदार नेताओं से जवाब मांगेंगे
पार्टी सूत्रों ने बताया कि उपचुनाव में जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी, कमलनाथ उनसे जवाब तलब करेंगे। इन नेताओं से कहा गया है कि वे हार के कारणों की जानकारी लिखित में लेकर आएं।

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