देसी कोवैक्सीन का दिखा असली दम, लैंसेट ने भी माना लोहा
नई दिल्ली
भारत की देसी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के लिए एक और खुशखबरी है। पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिली और अब द लैंसेट ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 'अत्यधिक प्रभावकारी' माना है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट के एक नए अध्ययन में गुरुवार को कहा गया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविड-1919 वैक्सीन 'अत्यधिक प्रभावकारी' है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। कोवैक्सीन के फेज तीन ट्रायल डेटा में किसी तरह की सुरक्षा के चिंता की बात नहीं कही गई है।
द लैंसेट ने कहा कि सिम्पटॉमिक कोरोना मरीजों के खिलाफ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 77.8% असरदार पाई गई है। द लैंसेट ने एक बयान में कहा कि कोवैक्सीन की दोनों खुराक दिए जाने के दो सप्ताह बाद यह टीका एक मजबूत एंटीबॉडी रिस्पॉन्स उत्पन्न करता है। मेडिकल जर्नल ने कहा कि भारत में नवंबर 2020 और मई 2021 के बीच 18-97 वर्ष की आयु के 24419 वॉलंटियर्स को शामिल करने वाले कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान वैक्सीन से संबंधित मौत या कोई भी गंभीर प्रतिकूल घटनाएं दर्ज नहीं की गईं।
द लैंसेट ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के फेज तीन का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक, भारत की देसी वैक्सीन न सिर्फ कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित और असरदार है, बल्कि यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 65.2 फीसदी असरदार है। इतना ही नहीं, गंभीर सिम्टोमेटिक कोविड-19 के खिलाफ कोवैक्सीन 93.4 फीसदी असरदार है। बता दें कि कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मिलकरर डेवलप किया है।
बता दें कि हाल ही में कोवैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी अप्रूवल लिस्ट में शामिल हुआ है और इसके इस्तेमाल को अब तक 17 देशों ने मंजूरी दे दी है। इस तरह से कोवैक्सीन, विश्व स्वास्थ्य द्वारा अनुमोदित सूची में फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्न, एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोफार्म और सिनोवैक द्वारा निर्मित एंटी-कोविड टीकों की लिस्ट में शामिल हो गया है।