डांस थेरेपी नाचें और स्वस्थ रहें

नृत्य का अब मनोरंजन के प्राचीन माध्यम से चिकित्सा के अत्याधुनिक औजार तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा है। डांस थेरेपी की शुरुआत बेशक कुछ दशकों पुरानी हो चुकी है, लेकिन इधर के वर्षो में दुनिया भर में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है और शारीरिक तथा मानसिक रोग निवारण में इसकी खुराक अचूक रही है।

जिम के साथ डांस क्लास
देश में डांस थेरेपी की छोटे बड़े दर्जनों संस्थान संचालित हैं, जिसमें पंजीकरण कराने वालों में 23 से 45 वर्ष के युवावर्ग की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। व्यायाम में डांस थेरेपी का दखल एरोबिक एक्सरसाइज के साथ बढ़ा, जिसमें केवल वेस्टर्न ध्वनि पर शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने को ही डांस थेरेपी का हिस्सा माना जाता था, लेकिन संगठित जिम संचालन की तरह ही अब डांस थेरेपी का क्षेत्र भी व्यापक हो गया है।

कुछ प्रचलित डांस विधियां
रूंबा मांसपेशियों का बेहतर सामंजस्य और मस्तिष्क की एकाग्रता के लिए रूंबा डांस कारगर माना गया है। साधारण व्यायाम से डांस थेरेपी की शुरुआत करने के बाद रूंबा की नियमित 20 से 30 मिनट की ट्रेनिंग फुर्तिला बनाती है, जिसे बैन बोन और कॉलर बोन के दर्द के लिए भी कारगर माना गया है।

क्या हैं डांस के सीधे फायदे
कार्डियोवस्कुलर समस्याओं को दूर रखने के लिए डांस को बेहतर माना गया है, जिससे न सिर्फ कैलोरी बर्न होती है, बल्कि रक्तप्रवाह सही रहने से हार्ट अटैक की संभावना को दूर किया जा सकता है। बैले व सालसा डांस आत्मविश्वास बढ़ाता है, मस्तिष्क की एकाग्रता को बढ़ाने के लिए भी डांस थेरेपी को सबसे सटीक माना गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित डांस अभ्यास से नकारात्मक विचारों को दूर किया जा सकता है। डांस के साथ योग व आसान का प्रयोग स्वस्थ रहने का सबसे कारगर तरीका है। नियमित व्यायाम की अपेक्षा डांस को वजन कम करने का अधिक बेहतर उपाय माना गया है। डांस थेरेपी व्यायाम का अधिक रुचिकर विकल्प बनकर उभरा है, जिससे वजन को नियंत्रित रखा जा सकता है।

स्वास्थ्य संस्थानों में भी बढ़ा दखल
जाने माने स्वास्थ्य संस्थानों के पुनर्निवास केन्द्र में डांस मूवमेंट थेरेपी डीएमटी का प्रयोग शुरू कर दिया गया है। इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में वैकल्पिक चिकित्सा विधि के तहत मरीजों की डांस क्लास लगाई जाती है। फिजियोथेरेपिस्ट के सान्निध्य में मरीजों को शुरु में मामूली स्टेप सिखाए जाते हैं, जिसके बाद मांसपेशियों में खिंचाव व दोबारा मूवमेंट शुरू करने के लिए तीन से चार सप्ताह की क्लास लगाई जाती है। पार्किन्सन व सीएचडी बीमारियों के लिए डांस थेरेपी का चिकित्सीय प्रयोग शुरू किया जा चुका है।
जीवा: बोन डेन्सिटी को मजबूत करने के लिए जीवा की अहम भूमिका है। कार्डियोवस्कुलर समस्या को भी जीवा के जरिए ही दूर किया जाता है। देखा गया है कि श्वसन तंत्र संबंधी परेशानियां भी जीवा के नियमित अभ्यास से ठीक हो जाती हैं।

सांबा: कूल्हे की समस्याओं के निजात के लिए सांबा को किसी एक पार्टनर के साथ किया जाता है। पेलविस और पैरों की मांसपेशियों की दिक्कतों के लिए भी सांबा का प्रयोग बेहतर माना गया है।

पास्को डोबल: पास्को सिंगापुर का सबसे प्रसिद्ध डांस स्टेप है, जिसे रशियन संगीत के साथ किया जाता है। पास्को के लिए वजन का नियंत्रित होना जरूरी है। कैलोरी बर्न करने और शरीर की टोनिंग के लिए पास्को से बेहतर और कोई डांस स्टेप नहीं हो सकता।

सालसा: तनाव मुक्ति के लिए सालसा को सबसे सटीक माना गया है। डांस विशेषज्ञ की मानें तो 70 फीसदी युवा सालसा को तनाव दूर करने व आत्मविश्वास करने के लिए करते हैं, जिसके सफल परिणाम भी देखे गए हैं।

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