एसईसीएल कर्मी की मासूम बेटी को बचाने कोल इंडिया आया आगे

बिलासपुर
एसईसीएल के दीपका क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी  ओवरमैन सतीश कुमार रवि की 2 साल की मासूम सृष्टि रानी दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कूलर एट्रोफी टाइप-2 से ग्रसित है। इस बीमारी के लिये 16 करोड कीमत के इंजेक्शन के लिये कोल इंडिया के चेयरमेन ने स्वीकृति प्रदान की।

सृष्टि दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कूलर एट्रोफी टाइप-2 से ग्रसित जिसका इलाज एम्स दिल्ली में चल  रहा है। एम्स के चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी के लिए अमेरिका की स्स्नष्ठ्र द्वारा अनुमोदित एक इंजेक्शन है हालाँकि इसकी दीर्घावधि में सुरक्षा तथा प्रभाव के बारे में पर्याप्त आँकड़े नहीं हैं। इस ड्रग के प्रभाव के अध्ययन से सम्बंधित नतीजे आने शेष हैं। भारत सरकार की ष्ठत्रष्टढ्ढ द्वारा इसके अनुमोदन की प्रतीक्षा है। एम्स की टीम स्स्नष्ठ्र द्वारा अनुमोदित ड्रग के आधार पर इलाज के लिए तैयार थी यदि वित्तीय सहायता दी जा सके। इस ड्रग को ख?ीदने में लगभग 2.125 मिलियन डॉलर (लगभग 16 करोड़ रुपए) का व्यय आएगा। एसईसीएल को इस चिकित्सा व्यय को स्वीकृत करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड के अनुमोदन की आवश्यकता थी जो 16 नवंबर को चेयरमेन कोल इंडिया के चेयरमेन द्वारा दी गई है।

विदित हो कि भारत सरकार के प्रोत्साहन अनुसार सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के रेयर डिजिज की इलाज में आगे आते रहे हैं। आज हमारा देश और समाज, बच्चियों के लिए बेटी बचाओ जैसे अभियान संचालित कर रहा है। ऐसे में एसईसीएल व कोल इंडिया परिवार का प्रयास समीचीन कहा जाएगा।

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