इंजीनियर आर्टिफिशियल इंटलीजेंस में दुनियां पर छा जाएं-मंत्री सखलेचा

जबलपुर

सूक्ष्म, लघु और मध्यम एवं विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि भारतीय इंजीनियर को सर्वोच्च स्तर तक पहुंचना चाहिए और आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस की दिशा में भारत का नाम रोशन करें। आत्मनिर्भर भारत को बनाने में उद्योग व चिकित्सा क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर काम हो।

 मंत्री सखलेचा के मुख्य आतिथ्य में शनिवार को उद्योग व चिकित्सा क्षेत्र में आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस के उपयोग के संबंध में शनिवार को जबलपुर के सिविल लाइन स्थित द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के सर विश्ववैश्वरैया सभाकक्ष में संगोष्ठी सम्पन्न हुई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जबलपुर के सांसद राकेश सिंह थे तथा इस संगोष्ठी में देश के कई भागों से आये प्रतिष्ठित इंजीनियर्स उपस्थित रहे।

संगोष्ठी में मंत्री सखलेचा ने आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस के उपयोग के संबंध में कहा कि दुनिया में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारतीय प्रतिभाओं का वर्तमान में ही नहीं पहले से ही एक प्रतिष्ठित स्थान रहा है। भारत का वैज्ञानिक व इंजीनियर पूरी दुनिया में सम्मान पाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय इंजीनियर को उस स्तर तक पहुंचना चाहिए और अब आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस की दिशा में भारत का नाम रोशन करें। आत्मनिर्भर भारत को बनाने में उद्योग व चिकित्सा क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर काम हो। आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस से विश्व की कई धारणायें बदल सकती हैं और यह मानवता के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में इस दिशा में कई अवसर हैं उन्हें पहचानें और इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिससे पूरा तरीका बदला जा सकता है अत: इस दिशा में कार्य करने का प्रयास हो।

संगोष्ठी में सांसद सिंह ने कहा कि आज बड़ा ही सौभाग्य का दिन है कि  आर्टीफिशयल इंटेलीजेंसी के संबंध में प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों व इंजीनियर्स के साथ संवाद हुआ।  उन्होंने भारतीय ज्ञान का खजाना के संबंध में कहा कि बहुत से लोगों को यह भ्रम होता है कि तकनीक बाहर से ली गई है लेकिन देश के प्राचीनतम मंदिर व अनेक स्थापत्य से यह सिद्ध होता है कि यहां के इंजीनियर्स सर्वश्रेष्ठ हैं। जबलपुर पहले से ही इंजीनियरिंग का हब है, 75 साल पहले जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरूआत हुई। बैंगलोर के बाद जबलपुर में ही इंजीनियरिंग की नई शाखाएं शुरू की गईं। उन्होंने कहा कि आईटी पार्क आने वाले समय में एक बदले हुए स्वरूप में दिखाई देगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नित नये स्वरूप दिखाई देंगे। नित नये प्रयास के साथ यह इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी के पूर्व संस्था में स्थित भारत रत्न सर एम. विश्ववैश्वरैया के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर ई-लायब्रेरी का लोकार्पण भी किया गया। सम्मेलन में यह आव्हान किया गया कि सभी इंजीनियर्स आत्मनिर्भर भारत बनाने में जुट जायें। उद्योग, स्वास्थ्य, कृषि व अन्य क्षेत्र में अपने कौशल से एक नये प्रतिमान स्थापित करें। कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित इंजीनियर्स का सम्मान भी किया गया।

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