चित्रकूट विवि का कुपलति बनते ही मिश्र की हो जाएगी हैट्रिक

सतना

जगतगुरू रामभद्राचार्य विकलांग निजी विवि चित्रकूट उत्तर प्रदेश में संविदा अतिथि शिक्षक को तीसरी बार प्रदेश के महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि चित्रकूट का कुलपति बनने की तैयारी चल रही है। उनका नाम सर्च कमेटी ने सबसे ज्यादा अंक देकर गोपनीय लिफाफे में बंद कर राजभवन भेज दिया है। इसके अलावा चार सदस्यों को और पैनल में शामिल किया गया है। सभी उम्मीदवारों से राज्यपाल मंगुभाई पटेल एक बार और चर्चा करेंगे। इसके बाद कपिल देव मिश्र को कुलपति की तीसरी पारी खेलने का मौका मिलेगा। हालांकि कुलपति मिश्र ने इतना समय प्रोफेसर रहते हुये कक्षाओं नहीं बिताया है, जितना होने कुलपति रहते हुये विवि में व्यतीत कर दिया। तीसरी बार कुलपति बनने के बाद वे पहले कुलपति बन जाएंगे, जो लगातार तीसरी बार कुलपति बनने की हैट्रिक लगाएंगे। हालांकि शेष उम्मीदवारों में से किसी को भी पूर्व में कुलपति बनने का मौका नहीं मिला है।

चित्रकूट विवि में कुलपति बनने के लिये देशभर से 125 आवेदन राजभवन में जमा हुये थे। इसकी स्कू्रटनी कर सर्च कमेटी ने दस उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये। इसमें से पांच उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर सर्च कमेटी ने राजभवन भेज दिया है। अब सर्च कमेटी द्वारा भेजे गये पैनल में से किसी एक उम्मीदवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल कुलपति नियुक्ति करेंगे। वर्तमान में कुलपति एनसी गौतम कार्यरत हैं, जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है। सर्च कमेटी ने रानी दुर्गावति विवि में दूसरी बार बने कुलपति कपिल देव मिश्र, रायपुर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर से एक-एक प्रोफेसर का चयन कर पैनल तैयार किया है। पैनल में सबसे ज्यादा समय कुलपति का अनुभव लेने वाले मिश्र के चित्रकूट विवि में कुलपति बनने के कयास लगाये जा रहे हैं। हालांकि उनके कार्यकाल में जबलपुर विवि की प्रशासनिक व्यवस्थाएं काफी बिगड चुकी हैं। परीक्षा और रिजल्ट की स्थिति खराब है। उनके अलावा रायपुर और भोपाल के एक उम्मीदवार का कुलपति बनने का मौका लग सकता है। भोपाल से उम्मीदवारी करने वाले प्रोफेसर एक रिसर्च सेंटर में कार्यरत हैं।

कैसे होगा विवि का विकास
प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब हालात चित्रकूट विवि के हैं। इसलिए सर्च कमेटी ने साक्षात्कार में सभी उम्मीदवारों से एक ही सवाल किया था कि वे विवि के बिगडे हालात को वे कैसे बेहतर कर सकते हैं। हालांकि नरेंद्र चंद्र गौतम दो पाली से कुलपति की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इसके बाद भी विवि की हालात में कोई सुधार नहीं हो सका है। कुलपति मिश्र तीसरी पाली भी यहीं से शुरू करेंगे। हालांकि वे दो पालियों में आरडीविवि की स्थिति नहीं सुधार सके हैं, तो तीसरी पाली में चित्रकूट विवि के हालात कैसे सुधारेंगे। ये सवालिया निशान हैं।

28 को फिर होंगे साक्षात्कार
जगतगुरू रामभद्राचार्य विकलांग निजी विवि चित्रकूट उत्तर प्रदेश में कपिल देवा मिश्र अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने भोज विवि कंसलटेंट के रूप में आमद दर्ज कराई। तत्कालीन कुलपति एसके सिंह ने उन्हें अयोग्य मानते हुये कार्यमुक्त कर दिया। इसके बाद उन्हें ग्रामोदय विवि चित्रकूट में असिस्टेंट प्रोफेसर पर नियुक्त किया गया। एक ही वर्ष में तत्कालीन कुलपति केबी पंडया ने मिश्र को प्रोफेसर बना दिया। वे प्रोफेसर का एक साल पूरा ही नहीं कर पाए थे और उन्हें तत्कालीन राज्यपाल रामनरेश यादव ने रानी दुर्गावति विवि का कुलपति नियुक्त कर दिया। उनकी नियुक्ति को लेकर शिकायतें की गई हैं। क्योंकि वे कुलपति होने की योग्यता नहीं रखते थे। इसके लालजी भाई टंडन ने उन्हें दोबारा कुलपति नियुक्त किया है। कुलपति मिश्र के खिलाफ चौरफा शिकायतें होने के बाद भी राजभवन ने उन्हें सर्च कमेटी के साक्षात्कार में शामिल किया है। अब 28 नवंबर को राज्यपाल पटेल सभी उम्मीदवारों से सीधे साक्षात्कार करेंगे। राज्यपाल 29 या तीस नवंबर तक चित्रकूट विवि के नये कुलपति की नियुक्ति करेंगे।

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