आईआईएसएफ-2021 कर्टेन रेजर का शुभारंभ

भोपाल

भारतीय विज्ञान के गौरवशाली, उपलब्धिपूर्ण और प्रेरणादायी इतिहास से नई पीढ़ी को परिचित कराने की जरूरत है। विज्ञान महोत्सव इसका माध्यम बनेगा, ऐसा मेरा भरोसा है।  आईआईएसएफ उत्सव है, विज्ञान सम्मेलन या संगोष्ठी नहीं है। यह बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मंगलवार को नई दिल्ली में विज्ञान भवन में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2021 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि अगला विज्ञान महोत्सव देश के मध्य में आयोजन पर विचार करना चाहिये, क्योंकि अभी तक उत्सव मध्यप्रदेश में नहीं हुआ है।

 विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और महोत्सव आयोजन समिति के सदस्य जयंत सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि विज्ञान भारत की पहचान है, जिसे स्वतंत्रता के पहले अंग्रेज शासकों ने मिटाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव हर देशवासी के लिए है, जिसमें विद्यार्थी से लेकर आमजन भाग ले सकता है। इस बार यह महोत्सव वर्चुअल और प्रत्यक्ष दोनों मोड पर होगा। सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि विज्ञान भारत के लोगों के जीवन का हिस्सा रहा है। भारतीय तीज-त्योहारों और जन-जीवन में विज्ञान की झलक दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि उत्सव में स्वतंत्रता के 75 वर्ष के मौके पर भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को भी रेखांकित किया जायेगा।

म.प्र. विज्ञान परिषद् के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि यह एशिया का सबसे बड़ा विज्ञान उत्सव है। हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों और आमजन को इस उत्सव के माध्यम से विज्ञान की जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि विज्ञान उत्सव के पाँच स्तंभ हैं। 'फ्रीडम स्ट्रगल' में स्वाधीनता संघर्ष से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों से परिचित कराया जायेगा। 'आइडियाज एट सेवंटी फॉइव में युवाओं से नये विचार आमंत्रित किये गये हैं। अचीवमेंट्स एट सेवंटी फॉइव में 75 वर्षों की उपलब्धियों से अवगत कराया जायेगा। एक्शन एट सेवंटी फॉइव में नये भारत की 75 कार्य-योजनाएँ होंगी। रिजाल्वस एट सेवंटी फॉइव में आत्म-निर्भर भारत के लिए 75 संकल्प होंगे।

सीएसआईआर – एम्प्री के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विज्ञान को प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन में विज्ञान की अहम भूमिका रही है। मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. भरत शरण सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन की शुरुआत 1947 में हो जाना चाहिये थी। विज्ञान महोत्सव आनंद और स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने के साथ विचारों के आदान – प्रदान का मंच बनेगा। उन्होंने कहा कि रॉकेट विज्ञान भारत की देन है।

परिषद् के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार आर्य ने आईआईएसएफ 2021 पर प्रेजेंटेशन में बताया कि 7वां विज्ञान महोत्सव 10-13 दिसंबर के दौरान पणजी में होगा। इसमें साइंस फिल्म और साइंस लिटरेचर फेस्टिवल सहित 12 कार्यक्रम होंगे। मेगा साइंस एंड टेक्नॉलाजी एक्सपो प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी संचालक तस्नीम हबीब ने किया। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् तथा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *