कोरोना: मास्क और बूस्टर टीके के सहारे पांचवीं लहर से लड़ रहा यूरोप, नहीं टला खतरा

नई दिल्ली
यूरोप इस वक्त कोरोना महामारी का केंद्र बना हुआ है। यूरोपीय देश कोरोना संक्रमण के रोकने के लिए कई तरह के सख्त उपाय अपना रहे हैं। ये देश मास्क और बूस्टर खुराक के सहारे कोरोना की पांचवीं लहर को रोकने में लगे हैं।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए ब्रिटेन, डेनमार्क समेत कई देशों ने एक बार फिर से मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। वहीं लॉकडाउन के दौर से गुजर रहे नीदरलैंड और ऑस्ट्रिया के साथ बेल्जियम और क्रोएशिया ने बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए फिर मास्क पहना जरूरी कर दिया है।

हजारों की जान बचाई जा सकती
वैज्ञानिक भी इस सर्दी में लोगों से मास्क पहनने का आग्रह कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगर मास्क का उपयोग बढ़ा दिया जाए तो यूरोप में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है। स्वानसी यूनिवर्सिटी में बिहैवियर विज्ञानी डॉ साइमन विलियम्स ने कहा कि ब्रिटेन में अभी भी इंडोर जैसी जगहों पर मास्क पहनने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर मास्क पहनने की लोगों की आदत छूट गई है तो फिर से उन्हें यह आदत अपनानी चाहिए। क्योंकि हमें सर्दियों दुकानों, ट्रेन और पब तथा रेस्तरां को सुरक्षित बनाना है तो मास्क पहनना ही होगा।

बूस्टर डोज ने पकड़ी रफ्तार
यूरोप, अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बूस्टर डोज देने के अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। अमेरिका में शुक्रवार को ही सीडीसी ने सभी वयस्कों को बूस्टर खुराक देने की मंजूरी दे दी है। इसका मतलब यह हुआ कि जिन लोगों को टीके दोनों खुराक लिए हुए छह माह हो गए हैं वे बूस्टर डोज ले सकते हैं। यूरोपीय संघ के कुछ देश जैसे ऑस्ट्रिया, जर्मनी और इटली सभी वयस्कों को बूस्टर खुराक की पेशकश कर रहे हैं। स्वीडन और स्पेन सहित कुछ बुजुर्गों और उन लोगों के लिए बूस्टर को मंजूरी दी है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। बूस्टर खुराक देने वाले अन्य देशों में इजरायल, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, तुर्की और ब्राजील भी शामिल हैं।

इन देशों में सबसे ज्यादा दी गई
दुनियाभर में 18 नवंबर तक दिए गए गए कुल टीकों में बूस्टर डोज का हिस्सा लगभग 12 फीसदी है। अब तक, इजरायल, चिली और उरुग्वे ने प्रति 100 लोगों पर सबसे अधिक बूस्टर खुराक दी है।

भारत में बूस्टर खुराक की जरूरत नहीं : गुलेरिया
नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने टीके की बूस्टर खुराक के संदर्भ में कहा कि देश में इस समय मामलों में इजाफा नहीं देखा जा रहा। इससे लगता है कि टीकों से कोरोना वायरस के खिलाफ अब भी सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, इसलिए टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक की फिलहाल जरूरत नहीं है।

यूरोपीय देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए:

ऑस्ट्रिया : सोमवार से ऑस्ट्रिया में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है। एक फरवरी से सभी के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बना दिया है।

स्लोवाकिया : टीका नहीं लगा है तो गैर जरूरी सामान की सभी दुकानों और शॉपिंग मॉल में जाने पर पाबंदी होगी। ऐसे लोग सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं जा सकेंगे और काम पर जाने के लिए दो बार जांच करवानी होगी।

यूनान : टीका नहीं कराने पर जांच में संक्रमित नहीं होने के बावजूद बार, रेस्तरां, सिनेमा और जिम नहीं जा सकेंगे।

चेक गणराज्य : टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को रेस्तरां, शॉपिंग मॉल और अन्य सेवाओं में भाग लेने की मनाही है। सरकार नए सिरे से आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है।

बेल्जियम : मास्क पहनने के नियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है। रेस्तरां और शॉपिंग मॉल में जाने के लिए कोविड पास जरूरी। टीकाकरण को भी अनिवार्य बनाने की तैयारी की जा रही है।

नीदरलैंड : नीदरलैंड ने पिछले सप्ताहांत में तीन सप्ताह का आंशिक लॉकडाउन लगाया था। रेस्तरां और बार को रात आठ बजे तक बंद करने का निर्देश है। खेल आयोजनों के दौरान दर्शकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

डेनमार्क : सरकारी कर्मियों के लिए कोविड पास बहाल करने की योजना है।

क्रोएशिया : सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

इटली : कार्यस्थलों और सार्वजनिक परिवहन के लिए कोविड ग्रीन पास जरूरी होगा।

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