जिनके साथ पार्टी में आया था, उनकी भी व्यवस्था करे कांग्रेस: राजेंद्र गुढ़ा
राजस्थान
राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ा ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पायलट और गहलोत गुट में मंत्रिमंडल के बंटवारे के बाद अब बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए मंत्री और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है. बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी लौटा दी है. उन्होंने पदभार भी ग्रहण नहीं किया है. गुढ़ा का कहना है कि वह छह लोगों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे. ऐसे में अकेले मंत्री नहीं बनेंगे. बाक़ी के पांच लोगों की भी व्यवस्था कांग्रेस करे.
गुढा ने इस बात पर भी नाराज़गी जतायी है कि पिछली बार बहुजन समाज पार्टी से उनके साथ आए विधायक रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. उनके नीचे इस बार उन्हें काम करने के लिए कहा जा रहा है, जो ठीक नहीं है. उनको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है. गहलोत खेमे में नाराज़गी को देखते हुए कांग्रेस प्रभारी अजय माकन एक बार फिर आज जयपुर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में बसपा से आए और निर्दलीय विधायकों को जगह दी जाएगी. हो सकता है कि संसदीय सचिव और राजनीतिक नियुक्तियों की पहली सूची आज जारी कर दी जाए, जिसमें नाराज़ विधायकों को जगह मिले.
इन्हें मिल सकता है पद
विधायक वाजिब अली और लाखन सिंह मीणा को मेवात विकास बोर्ड और डांग विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. महादेव सिंह खण्डेला और बाबूलाल नागर को भी राजनीतिक नियुक्तियां मिल सकती हैं. अजय माकन आज दोपहर जयपुर पहुंचेंगे. रात्रि विश्राम के बाद दिल्ली जाएंगे. इस बीच सचिन पायलट भी अपने समर्थकों को राजनीतिक नियुक्तियां दिलवाने और संसदीय सचिव बनवाने में लगे हुए हैं. पायलट समर्थकों को भी लग रहा है कि पूरी हिस्सेदारी नहीं मिली है. इसकी वजह से उसमें भी नाराज़गी है. वरिष्ठ विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत और दलित विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को भी राजनीतिक नियुक्तियों में जगह दी जा सकती है.