यूएपीए के तहत यूपी में जम्मू कश्मीर से ज्यादा गिरफ्तारियां

दिल्ली
यूपी में साल 2015 में यूएपीए के तहत सिर्फ छह केस दर्ज किए गए थे जिनमें 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. 2017 में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी सरकार बनने के बाद यूएपीए के तहत 313 केस दर्ज हुए हैं और 1397 लोगों की गिरफ्तारी हुई.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश में हुई हैं. जम्मू कश्मीर इस मामले में दूसरे स्थान पर है जबकि तीसरे स्थान पर उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर है. बुधवार को राज्यसभा में दिए गए एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2020 में यूएपीए के तहत यूपी में 361 गिरफ्तारियां हुई हैं जबकि जम्मू कश्मीर में 346 और मणिपुर में 225 लोग इस कानून के तहत गिरफ्तार हुए हैं. अब तक सिर्फ 3% ही दोषी पाए गए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि साल 2019 की तुलना में साल 2020 में इस अधिनियम के तहत हुई गिरफ्तारियों में कमी आई है. साल 2019 में यूएपीए के तहत जहां देश भर में 1948 गिरफ्तारियां हुई थीं वहीं साल 2020 में यह संख्या 1321 रही. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि साल 2016 से लेकर अब तक यूएपीए के तहत कुल 7243 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनमें से 212 लोग ही दोषी ठहराए गए हैं. 286 लोगों को कोई आरोप न मिलने के कारण छोड़ दिया गया जबकि 42 मामलों में कोर्ट ने कोई आरोप न मिलने के कारण छोड़ दिया. बरी होने वालों की संख्या 26% बढ़ी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 और 2020 के बीच यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या में गिरावट आई है जबकि कानून के तहत बरी होने वालों की संख्या में 26 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है.

 

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