भारत सरकार से विवाद निपटाना चाहती है वोडाफोन, उठाया ये कदम
नई दिल्ली
ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने शुक्रवार को कहा कि पिछली तारीख से देय टैक्स को लेकर जारी विवाद को खत्म करने के लिए उसने भारत सरकार के समक्ष आवेदन दिया है। वोडाफोन ने यह कदम पिछली तारीख से कराधान संबधी 2012 के नियम को निष्प्रभावी करने वाला कानून गत अगस्त में बनने के बाद उठाया है। नए कानून में कहा गया है कि अगर टैक्स विवाद में उलझी कोई विदेशी कंपनी भारत सरकार के खिलाफ दायर सभी मुकदमे वापस लेने को तैयार हो जाती है तो उससे वसूले गए टैक्स की राशि लौटा दी जाएगी।
क्या कहा कंपनी ने: वोडाफोन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम इसकी पुष्टि कर सकते हैं कि हमने सरकार के समक्ष आवेदन कर दिया है। हमें हमेशा यह विश्वास रहा है कि अपने भारतीय कारोबार को लेकर हमारी कोई कर देनदारी बाकी नहीं है।" कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के उच्चतम न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट के फैसले की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है।
नया कानून बनने के बाद वित्त मंत्रालय ने गत 13 अक्टूबर को पिछली तारीख से कराधान पर पैदा विवाद खत्म करने की प्रक्रिया से संबंधित नियम जारी किए थे। इसमें इच्छुक कंपनियों को 45 दिनों के भीतर सरकार के समक्ष आवेदन करने को कहा गया था। इस तरह वोडाफोन समेत कुल 15 कंपनियां ऐसे मामलों में विवाद के निपटारे के लिए सरकार से संपर्क कर चुकी हैं।
क्या था मामला: बता दें कि वोडाफोन ने वर्ष 2007 में हच-एस्सार का अधिग्रहण केमैन आइलैंड्स में हुए एक सौदे के जरिये किया था। इस पर आयकर विभाग ने अक्टूबर 2010 में उससे 11,218 करोड़ रुपये का कर चुकाने को कहा था। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने जनवरी 2012 में आयकर विभाग की इस कर मांग को खारिज कर दिया था लेकिन वित्त विधेयक 2012 में धारा 119 जोड़कर इसे कानूनी जामा पहना दिया गया था। इसके तहत वोडाफोन पर 7,900 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।