महाकाल मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए नया प्लान
उज्जैन
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए नया प्लान तैयार हो रहा है। इसके लिए मंदिर प्रशासन विशेषज्ञ की राय लेगा। दिव्यांग, वृद्ध, असहाय लोगों के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था की गई है। प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर के बाहर विस्तारीकरण का काम चल रहा है, लेकिन मंदिर के भीतर प्राचीन स्ट्रक्चर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हो सकता है, इसलिए मौजूदा व्यवस्था अनुसार अधिक भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराने के लिए भीड़ नियंत्रण का नया प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञ से प्रवेश व निर्गम की व्यवस्था तैयार कराई जाएगी। यह भी तय किया जाएगा कि कब, किस द्वार को बंद रखना है तथा किस द्वार से भक्तों को प्रवेश देना है। दिव्यांग, वृद्ध तथा असहाय लोगों के लिए गेट नंबर चार भस्मारती द्वार से प्रवेश की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गेट नंबर पांच वीआइपी द्वार और शंख द्वार सामान्य दर्शनार्थियों के लिए है।
ये हो सकते हैं प्रवेश द्वार
1 – दिव्यांग, वृद्ध, असहाय लोगों के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश
2 – मंदिर के गेट नंबर पांच को बनाया जाएगा वीआइपी द्वार
3 – शंख द्वार से सामान्य दर्शनार्थियों को मिल सकेगा प्रवेश
फिलहाल व्यवस्था में बदलाव नहीं
- – मंदिर में फिलहाल भक्तों को प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है।
- – सुबह 6.15 से 7.15 बजे तक 1500 रुपये की रसीद पर भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराए जा रहे हैं।
- – सुबह 11 से शाम चार बजे तक सामान्य दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा है।
- – दोपहर एक से तीन बजे तक का स्लाट सशुल्क दर्शनार्थियों के लिए आरक्षित है, लेकिन समान्य दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सशुल्क वालों को भी इनके साथ दर्शन कराए जा रहे हैं।
- – मंदिर की परंपरा अनुसार शाम चार बजे बाद भगवान महाकाल को जल चढ़ना बंद हो जाता है, इसलिए रात आठ से नौ बजे के स्लाट में सशुल्क दर्शनार्थियों को भीतर से दर्शन कराए जा रहे हैं।
नए साल के लिए अलग से व्यवस्था बनाएंगे
साल के अंत व नए साल में 25 दिसंबर से चार जनवरी तक देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं। कई सालों से इन दिनों में दर्शनार्थियों की संख्या प्रतिदिन हजारों में होती है। इस बार भी देशभर से भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। चार जनवरी 2022 तक भस्मारती आनलाइन बुकिंग भी फुल है। मंदिर समिति भीड़ भरे इन दिनों के लिए अगल से दर्शन व्यवस्था तय करेगी। संभव है कि इन दिनों में केवल सशुल्क रसीद पर ही भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा।