फिक्सड डिपाॅजिट में है निवेश का प्लान? जान लीजिए अपने काम की बातें
नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी बैठक में एक बार फिर पाॅलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया। इसके पीछे की बड़ी वजह कोविड-19 और ओमिक्राॅन का बढ़ता प्रभाव है। जहां एक तरफ रिजर्व बैंक के फैसले से कुछ लोग खुश हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को इससे निराशा भी हुई है। मौजूदा समय में रेपो रेट 4% और रिवर्स रेट 3.55% पर है।
छोटी अवधि के लिए एफडी को दरों को बढ़ाया गया
एफडी की बढ़ी हुई दरों का फायदा छोटी अवधि के लिए किए गए निवेश में होगा। अगर हम HDFC बैंक को केस के रुप में को ही देखें 7 से 29 दिन, 30 से 90 दिन, 91 दिन से 6 महीने और 6 महीने से 1 साल से कम समय के एफडी की दरों में बदलाव किया है।
लम्बी अवधि के निवेश से करें परहेज
निवेशकों को इस समय लम्बी अवधि के लिए एफडी में निवेश करने से बचना चाहिए। इसकी दो वजहें एक तो जब दरें बढ़ेंगी तब निवेश के लिए पैसा रहेगा। दूसरा आपको एफडी की मैच्योरिटी के लिए लम्बा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।