राज्य लोक सेवा नियम में संशोधन की प्रक्रिया पूरी
जबलपुर
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जानकारी पेश की गई कि राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियम में संशोधन को निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब इसे कैबिनेट में रखा जाना है। लिहाजा, एक सप्ताह की मोहलत दी जाए।
22 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई : मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने राज्य सरकार के जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 दिसम्बर को निर्धारित कर दी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा व अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा व हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। कर्मचारी संगठन अपाक्स सहित 47 याचिकाओं में पीएससी के परीक्षा नियमों में संशोधन के अलावा प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा 2019 और प्रारंभिक परीक्षा 2020 की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि परीक्षा नियमों में संशोधन के जरिए यह प्रविधान कर दिया गया है कि अब मैरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं किया जाएगा। सामान्य नियमों के अनुसार मैरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में शामिल करने का प्रावधान है। इससे पीएससी में 113 प्रतिशत आरक्षण हो गया है।