नारी सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा मोदी सरकार का निर्णय : श्रीमती डामोर
( सुधीर शर्मा )
झाबुआ । ( अपनी खबर )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत वर्ष स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ऐलान किया था कि देश में महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 किया जाएगा।
इस संबंध में प्रभावी कारवाई हो गई है।
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 से 21 वर्ष तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन पेश करेगी और इसके परिणामस्वरूप विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 जैसे व्यक्तिगत कानूनों में संशोधन हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था, बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए आवश्यक है कि उनका विवाह उचित समय पर हो।
अभी पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 है। अब सरकार इसे मूर्त रूप देने के लिए बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज ऐक्ट और हिंदू मैरिज ऐक्ट में संशोधन लाएगी।
प्रधानमंत्री की इस घोषणा का समाजसेवी श्रीमती सूरज डामोर ने स्वागत किया है।
वे मध्यप्रदेश शासन की पूर्व प्रमुख सचिव हैं और सेवानिवृत होने के बाद समाजसेवा कर रही हैं।
विवाह की उम्र बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर श्रीमती सूरज डामोर ने अपनी खबर से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का यह निर्णय नारी सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा ।
श्रीमती डामोर के अनुसार बेटियों का सशक्तीकरण और समग्र विकास शुरू से ही मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है।
इस दिशा में केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लड़कियों के विवाह की उम्र 21 वर्ष करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है।
इस निर्णय के बाद बेटियों को और अधिक परिपक्वता के साथ अपने बारे में निर्णय लेने का अवसर मिलेगा ।
श्रीमती डामोर ने हमारे संवाददाता से बात करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत या धार्मिक भेदभाव के बिना सभी लड़कियों की विवाह के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष किए जाने को मंजूरी दी है, जिससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार हर वर्ग और समाज की महिलाओं की बेहतरी चाहती है।
श्रीमती डामोर ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से जहां एक ओर लड़कियों को शादी से पहले अपनी पढ़ाई ठीक से करने और कॅरियर संवारने का अवसर मिलेगा, वहीं वे मानसिक रूप से परिपक्व होने के उपरांत अपने भावी जीवन के संबंध में सही फैसले भी ले सकेंगी।
पूर्व प्रमुख सचिव श्रीमती डामोर ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से उन असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर भी रोक लगेगी, जो कम आयु की लड़कियों को बहला-फुसलाकर, अपने जाल में फंसा लेते हैं और उनसे शादी करके उनका जीवन बर्बाद कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि विवाह से पहले लड़की के मानसिक रूप से परिपक्व हो जाने से विवादों में भी कमी आएगी ।
इस फैसले से परिवारों के विघटन पर रोक लगेगी।