‘आहत’ दीदी केंद्र से फिर हुईं नाराज, नहीं मिला PM संग बैठक में बोलने का मौका

कोलकाता
केंद्र और बंगाल के बीच टकराव दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। लगातार पीएम मोदी पर निशाना साधने वाली बंगाल की सीएम ममता बनर्जी एक बार फिर गुस्सा हो गई हैं। इस बार बंगाल सरकार का आरोप है कि बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बोलने का मौका नहीं दिया गया, जिसकी वजह से न सिर्फ ममता बल्कि पूरा प्रशासन आहत है। दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।  राज्य सचिवालय के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि बनर्जी को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था। सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर नाखुशी जाहिर की है, जिससे राज्य का पूरा प्रशासन भी आहत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे।

इससे पहले भी लगाया है आवाज दबाने का मौका
यह पहली बार नहीं जब ममता बनर्जी या बंगाल सरकार ने केंद्र पर न बोलने देने का आरोप लगाया हो। इसी साल मई में कोरोना प्रबंधन को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग पीएम की बैठक के वक्त भी ममता ने यह आरोप लगाया था। उस समय ममता ने मीडिया से कहा था कि बैठक में उन्हें अपमानित महसूस कराया गया। ममता ने कहा था, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्रियों को बुलाकर उन्होंने हमें बोलने का मौका नहीं दिया। हमें बोलने नहीं दिया गया। हमें अपमानित महसूस हुआ।' उस समय ममता ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी अधिकारी को इसलिए नहीं भेजा क्योंकि वह खुद पीएम के सामने दवाओं और टीकों की मांग रखना चाहती थीं, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

पीएम मोदी ने की आजादी के महोत्सव पर बैठक
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किए जाने वाले समारोहों व कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए गठित की गई राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक बुधवार को आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी सहित कई केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल हुए। इस समिति के सदस्यों में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार व सुमित्रा महाजन, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, आध्यात्मिक नेता, कलाकार तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों के विख्यात व्यक्ति शामिल हैं। समिति की पहली बैठक इसी साल मार्च महीने में हुई थी, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा सहित अन्य नेताओं ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए थे।

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