राजस्थान कांग्रेस कमेटी का मिशन-2023, दो दिन 7 संभागों के महापौर-नगर परिषद चैयरमेन को पढ़ाया जाएगा अधिकारों का पाठ
जयपुर
राजधानी जयपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर गुरुवार 6 से 7 जनवरी तक स्थानीय निकायों के प्रमुखों का प्रशिक्षण शुरू होने जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन करीब 200 निकाय प्रमुख शामिल होंगे। प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के महापौर, उप महापौर, नगर परिषद के सभापति, उपसभापति, नगर पालिका चैयरमेन और उप चैयरमेन को बुलाया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत विषय विशेषज्ञ निकाय प्रमुखों को अधिकारों का पाठ पढ़ाएंगे। प्रशिक्षण शिविर में निकाय प्रमुखों को उनके अधिकार और भूमिका के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं से स्थानीय निकाय प्रमुख किस प्रकार जनता को लाभांवित कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञ इन सबके के बारे में जानकारी देंगे। कांग्रेस के इस प्रशिक्षण शिविर को मिशन-2023 की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है।
पहले दिन 4 संभागों के निकाय प्रमुख शामिल होंगे
मिशन- 2023 की तैयारियों के तहत निकाय प्रमुखों के प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन 4 संभागों बीकानेर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर संभाग के महापौर, उपमहापौर, नगर परिषद के सभापति और उप सभापति शामिल होंगे। प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन यानी 7 जनवरी को जयपुर, भरतपुर और अजमेर संभाग के निकाय प्रमुखों को बुलाया गया है। प्रशिक्षण शिविर में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने निकाय प्रमुखों को ही शामिल होने की अनुमति होगी। अगर किसी को कोरोना की दोनों डोज नहीं लगी है तो 72 घंटे के भीतर आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की मिलेगी ट्रेनिंग
दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के निकाय प्रमुखों को गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, लोक कल्याणकारी योजनाओं को गांव-गांव और ढाणी-ढाणी तक उन्हें पहुंचाने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ में उन्हें यह निर्देश भी दिए जाएंगे की गहलोत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की जिला स्तर पर किस क्रियान्वति हो और जनता को कैसे लाभ मिले, निकाय प्रमुखों को इसके बारे में अवगत कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मिशन-2023 की तैयारियों का आगाज कर दिया है। गहलोत सरकार 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चौथे साल में प्रवेश कर गई है। गहलोत सरकार वापसी के लिए अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं का सहारा ले रही है।