यश मना रहे 36वां जन्‍मदिन, साथ ही रिलीज हुआ KGF-2 का नया पोस्‍टर

नवीन कुमार गौड़ा यानी यश। 2005 में यश ने टीवी से करियर की शुरुआत की। तब शायद ही कोई उन्‍हें पहचानता था। सपोर्टिंग रोल से कन्‍नड़ फिल्‍मों में जब यश ने एंट्री की तो पहली फिल्‍म Jambada Hudugi में भी उनका यही हाल था। 2018 में यश की 'केजीएफ-1' रिलीज हुई। बीते 14 साल में यश की पॉप्‍युलैरिटी इस कदर बढ़ी है कि अब उन्‍हें सिर्फ कन्‍नड़ फिल्‍म का सुपरस्‍टार कहना गलत होगा। 'रॉक‍िंग स्‍टार यश' 8 जनवरी 2022 को अपना 36वां जन्‍मदिन मना रहे हैं। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए इस बार कोई सेलिब्रेशन नहीं है। यश परिवार के साथ ही जन्‍मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर KGF-2 का नया पोस्‍टर भी रिलीज हुआ है। सोशल मीडिया यश के लिए दुआओं से पटा पड़ा है। फैंस के प्‍यार को देख यश इमोशनल हो जाते हैं। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने अब उस दिन को याद किया है, जब 300 रुपये लेकर वह कर्नाटक के एक छोटे से गांव से सुपरस्‍टार बनने का सपना लेकर बेंगलुरु आए थे।

यश ने बर्थडे पर फैमिली के साथ आधी रात को केक काटा। सोशल मीडिया पर इसकी झलक भी दिखलाई। लिखा, 'जन्मदिन ने मुझे कभी एक्‍साइटेड नहीं किया… यह वह खुशी है जो मैं अपने आस-पास देखता हूं, अब खासकर मेरे नन्हे-मुन्नों के साथ। इस मौके पर मैं प्यार और आशीर्वाद के लिए अपने फैंस और शुभचिंतकों का धन्यवाद देना चाहता हूं। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित हैं। ख्याल रखना।'

बचपन से था सुपरस्‍टार बनने का सपना
'पिंकविला' से बातचीत में यश कहते हैं, 'मैं हमेशा से ऐक्‍टर बनना चाहता था। बचपन से ही मुझे सुपरस्‍टार बनना था। मैं स्‍कूल के दिनों में डांस कंपीटिशन में हिस्‍सा लेता था। ऐक्‍ट‍िंग करता था। मैं कल्‍चरल फेस्‍ट‍िवल्‍स में हिस्‍सा लेता था। हालांकि, तब मैं यह बिल्‍कुल नहीं जानता था कि स्‍टारडम क्‍या होता है। मैं बस अपने सपने के पीछे दौड़ रहा था। मुझे अपने सपने पर और खुद पर भरोसा था।'

'पैरेंट्स नहीं चाहते थे मैं ऐक्‍टर बनूं'
यश बताते हैं कि उनके माता-पिता नहीं चाहते थे कि वो ऐक्‍टर बने। पैरेंट्स की चाहत थी कि यश पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें। लेकिन ऐक्‍ट‍िंग की ट्रेनिंग लेना चाहते थे। प्री-यूनिवर्सिटी की पढ़ाई करने के बाद तो उन्‍हें लगने लगा था कि वह हीरो बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यश बताते हैं, 'मैं अपने पैरेंट्स के ख‍िलाफ गया। पॉकेट में 300 रुपये लेकर सुपरस्‍टार बनने की चाहत लिए बेंगलुरु आ गया। तब मुझे एहसास हुआ कि यह सब कितना मुश्‍क‍िल है। मुझे खुशी है कि मैंने थिएटर जॉइन किया, इसने मुझे ऐक्‍ट‍िंग के काम को अलग तरीके से देखने का नजरिया दिया।'

'टीवी पर नहीं करना चाहता था काम'
यश आगे कहते हैं, 'मैं कभी टीवी पर काम नहीं करना चाहता था। मैं सोचता था कि मैं सीधे हीरो बनूंगा। लेकिन जिंदगी आपको पाठ पढ़ाती है। हर पल। बाद में मेरी फैमिली भी बेंगलुरु आ गई। मुझे उनके लिए पैसे कमाने थे। थ‍िएटर से बहुत कमाई नहीं हो रही थी। इसलिए मैंने टीवी के लिए काम करना शुरू किया। मैं अपनी कमाई का एक हिस्‍सा परिवार को देता था और एक हिस्‍से से अपने कपड़े और बाकी चीजें खरीदता था। इसी बीच मुझे फिल्‍मों से ऑफर आने लगे और यहीं से मेरे सफर की शुरुआत हुई।'

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