कांग्रेस पर जमकर बरसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया
जैसलमेर
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने जैसलमेर दौरे के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पूनिया बोले प्रदेश में तीन सालों में आपराधिक घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हुई लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस के पास कोई सक्षम व्यक्ति नहीं है जो गृहमंत्री का काम कर सके।
उन्होंने प्रदेश के 60 लाख किसानों के कर्ज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा में चूक का मुद्दा भी उठाया। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को तीन साल पूरे हो गए, प्रदेश भी अब चुनाव के मोड में चला जायेगा। हम पार्टी में तीन तरह से काम करते हैं, संगठन, सचनात्मक कार्य और यदि विपक्ष में हैं तो लोगों की उम्मीदों के मुताबिक मुद्दों पर सदन और सदन के बाहर संघर्ष करते हैं।
पूनिया ने कहा कि, कोरोना कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री के लिए आपदा में अवसर बनकर आया क्योंकि पिछले 1.5 वर्ष का कालखंड कोरोना प्रोटोकॉल और असमंजस में बीता। पत्रकार मित्र व लोग मुझसे पूछते हैं आपके लगातार प्रदेश के दौरे करने का विशेष मकसद क्या है? मेरा जवाब होता है, संगठन के व्यक्ति के लिए कोई विशेष मकसद नहीं होता है, उनकी प्राथमिकता होती है कि पार्टी का संगठन दुरूस्त हो, नीचे तक काम करे। पहले जैसलमेर में 12 मंडल थे और अब विस्तार कर संगठनात्मक रूप से 24 मंडलों की हम लोगों ने संरचना की, ताकी पार्टी का संगठन दूर दराज के इलाकों तक मजबूत हो।
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में आती है तो विपक्ष के नाते उसकी दुर्गति होती है, भाजपा जब सत्ता से बाहर होती है तो सम्मानजनक सीटें हासिल करती है, केवल 0.5 प्रतिशत यानी 1.56 लाख वोटों से हम सत्ता से दूर रहे, लेकिन राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार आती है तो कभी 56 सीटें आती हैं तो कभी 21 आती हैं। इस बार 2023 में तो मोटरसाइकिल की सवारी लायक भी सीटें नहीं आएंगी।
इसका मतलब साफ है अशोक गहलोत पिछले दो टर्म से केवल जुगाड़ की सरकार चला रहे हैं और पिछले तीन वर्षो से जिस ढंग से काम कर रहे हैं, जब सरकार का गठन हुआ तो राजभवन में दो-दो मुख्यमंत्रियों के नारे लगे थे, उसके बाद सचिवालयों के कमरों पर झगड़ा हुआ, मंत्रिमंडल के गठन पर झगड़े हुए। यह पहली सरकार थी जो 42 दिन बाड़े में बंद रही।
पूनिया ने कहा कि, गहलोत सरकार का आंकलन करूं तो यह राजस्थान की अब तक की सबसे निकम्मी, नकारा, अराजक सरकार है। ऐसी सरकार मैंने नहीं देखी। राहुल गांधी ने 2018 में प्रदेश की अनकों सभाओं में यह कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी तो हम लोग किसानों का पूरा कर्जा माफ कर देंगे, लेकिन कांग्रेस ने वादाखिलाफी की, झूठ बोला।
अशोक गहलोत कहते हैं कि, हमने किसानों का कॉपरेटिव बैंकों का श्रृण माफ किया, लेकिन मांग के हिसाब से प्रदेश के 60 लाख किसानों का एक लाख 20 हजार करोड़ का कर्जा है, अगर यह माफ करें तो मानेंगे कि अशोक गहलोत ने किसानों के साथ न्याय किया। राजस्थान में सर्वाधिक बेरोजगारी दर 27.1 प्रतिशत है, कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने को कहा था इसे लेकर और आज भर्तियों को लेकर युवाओं के जगह-जगह आंदोलन हो रहे हैं। राजस्थान में इस तरीके का दृश्य आज तक कभी नहीं दिखा। रीट जैसे पेपर लीक हो जाए, सब इंस्पेक्टर, जेईएन, आरपीएससी को जिस तरीके से कमजोर किया।
कांग्रेस सरकार ने जिस तरीके से जयपुर में रीट के अभ्यर्थियों पर लाठियां चलवाई और उनको शांतिपूर्ण तरीके आंदोलन करने पर जबरन गिरफ्तार किया, बेरोजगारों के मामले में सरकार तानाशाही रवैया अपनाती है। प्रदेश की कानून व्यवस्था, कांग्रेस सरकार के तीन साल में छह लाख 33 हजार 137 केस दर्ज हुए, यह राजस्थान में अब तक का सर्वाधिक बड़ा आपराधिक आंकड़ा है। पिछले तीन सालों में 5,164 हत्याएं हुईं, 17,644 बलात्कार हुए, 22,009 अपहरण हुए, 19,800 नकबजनी, 4,061 लूट हुई, 6,070 हत्या के प्रयास और एक लाख 4383 चोरियों के मामले दर्ज हुए। आज दुर्भाग्य है कि प्रदेश में शायद कांग्रेस के पास ऐसा कोई सक्षम व्यक्ति नहीं हैं तो जो गृहमंत्री का काम कर सके, दुर्भाग्य से यह मंत्रालय भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है, जो कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल हैं।
प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदतर है, नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य की सेवाओं में राजस्थान 17वें पायदान पर है। पिछले दो कोरोनाकाल में राज्य सरकार का कोरोना कुप्रबंधन जनता ने देखा कि किस तरह से दवाई, बेड्स, ऑक्सीजन, मास्क की दलाली हुई, काफी संख्या में वैक्सीन खराब हुई।
पूनिया ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को पंजाब की कांग्रेस सरकार के शासन में जिस तरीके से रोका गया, उनकी सुरक्षा में चूक हुई, यह सामान्य बात नहीं है। देश का प्रधानमंत्री एक दल का नहीं होता है, पूरे देश का होता है।