रूस ढूंढ़ रहा यूक्रेन पर हमला करने का बहाना : अमेरिका
वॉशिंगटन
अमेरिका के पास खुफिया जानकारी है कि रूस यूक्रेन पर हमले का बहाना बनाने के लिए पूर्वी यूक्रेन में अपनी सेना पर 'फॉल्स फ्लैग' अभियान की योजना बना रहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उनका मानना है कि रूस यूक्रेन को हमलावर के रूप में बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार अभियान चला रहा है। सैन्य संघर्ष की संभावना को और अधिक 'तत्काल' बनाने के लिए बड़े पैमाने पर यूक्रेनी सरकारी वेबसाइटों को साइबर हमलों के बाद ऑफलाइन कर दिया गया था।
यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस की वार्ता असफल हो चुकी है जिसके बाद रूस ने अपनी सैनिकों का युद्ध परीक्षण तेज कर दिया है। इस बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि पश्चिम के साथ रूस का धैर्य अब जवाब दे चुका है क्योंकि रूस ने आश्वासन मांगा था कि नाटो उसके क्षेत्र के करीब विस्तार नहीं करेगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि अमेरिका के पास सबूत हैं कि युद्ध और हमलों में प्रशिक्षित गुर्गे 'नकली' रूसी बलों पर इन हमलों को अंजाम देंगे, संभवतः कुछ हफ्तों बाद।
'फॉल्स फ्लैग' अभियान के लिए तैनात रूसी गुर्गे
वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कूटनीति सफल होने और रूसी सरकार की योजनाओं के आगे बढ़ने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और युद्ध अपराधों की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी जानकारी है जो संकेत देती है कि रूस ने पूर्वी यूक्रेन में एक 'फॉल्स फ्लैग' अभियान चलाने के लिए पहले से ही गुर्गों के एक समूह को तैनात कर दिया है। इन गुर्गों को शहरी युद्ध में प्रशिक्षित किया जाता है और रूस की नकली सेना के खिलाफ हमला करने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है।
क्रेमलिन ने खारिज किए दावे
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि खुफिया जानकारी 'बहुत विश्वसनीय' है। क्रेमलिन ने इस तरह के उकसाने वाले दावों से इनकार किया है। TASS समाचार एजेंसी के अनुसार, प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रिपोर्ट 'निराधार' जानकारी पर आधारित है। यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमलों के बाद शुक्रवार को कई सरकारी वेबसाइट अस्थायी रूप से बंद हो गई। देश के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ा तनाव
तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इन हमलों के पीछे कौन है, लेकिन ये हमले ऐसे समय पर किए गए हैं जब मॉस्को और अन्य पश्चिमी देशों के बीच इस सप्ताह हुई वार्ता में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं होने के बाद यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ गया है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने शुक्रवार को 'एसोसिएटेड प्रेस' से कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि इस हमले के पीछे कौन है।
बंद हुईं रूस की सरकारी वेबसाइटें
उन्होंने कहा, 'किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि मामलों की जांच चल रही है लेकिन यूक्रेन के खिलाफ रूस के साइबर हमले का लंबा इतिहास रहा है।' रूस पूर्व में यूक्रेन के खिलाफ साइबर हमलों से इनकार करता रहा है। अधिकारियों के अनुसार, देश की कैबिनेट, सात मंत्रालयों, कोषागार, राष्ट्रीय आपदा सेवा और पासपोर्ट तथा टीकाकरण प्रमाण पत्र संबंधी राज्य सेवा की वेबसाइट हैकिंग की वजह से उपलब्ध नहीं हैं।