दो लड़कियों को घर में बंधक बनाकर कई सालों तक किया दुष्कर्म

नोएडा
घर के कामकाज के लिए लाई गईं युवतियों को घर में बंधक बनाकर उनके साथ दुष्कर्म करने और उनका उत्पीड़न करने का आरोप नोएडा के एक उद्यमी पर लगा है। डीसीपी महिला सुरक्षा द्वारा इन युवतियों को उनके फ्लैट से मुक्त कराकर उद्यमी को गिरफ्तार किया गया है। उसके द्वारा शराब के नशे में धुत होकर उनका उत्पीड़न किया जाता था। पुलिस का कहना है कि उद्यमी के उत्पीड़न के कारण मुक्त कराई गईं इन दोनों युवतियों की हालत खराब है, जिनका इलाज कराया जा रहा है। उनके परिजनों से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने बताया कि नारी प्रगतिशील सोशल फाउंडेशन द्वारा उन्हें सूचना दी गई थी कि थाना सेक्टर-39 क्षेत्र स्थित सनवर्ड वनालिका सोसाइटी में एक फ्लैट में दो लड़कियों को बंधक बनाकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। इस पर उनकी ओर की गई जांच में प्रारंभ में किसी फ्लैट में उनके संबंध में जानकारी नहीं मिल सकी। हालांकि, उसके बाद उन्हें एक बंद फ्लैट मिला, जिस पर संदेह होने पर आरडब्लूए के माध्यम से उसके मालिक नवीन गुप्ता को बुलाकर फ्लैट खुलवाया गया तो अंदर से करीब 25 से 27 साल की उम्र की दो युवतियां मिलीं, जिनकी हालत काफी दयनीय थी।

युवतियों को नहीं दिया वेतन
डीसीपी महिला सुरक्षा ने बताया कि असम की रहने वाली युवती को उक्त मकान में चार साल से बंधक बनाया गया था, जबकि पश्चिम बंगाल की युवती करीब सात माह पहले उनके घर में आई थी। उन्हें छलेरा में स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से यहां पर लाया गया था। पुलिस का दावा है कि उन्हें अभी तक वेतन भी नहीं दिया गया था, जिनके वेतन का पुलिस भुगतान कराएगी।

परिजनों के घर से जाने के बाद करता था उत्पीड़न
पुलिस ने बताया कि उक्त युवतियों ने बताया है कि जब घर के परिजन बाहर चले जाते थे तो उक्त उद्यमी उनके साथ दुष्कर्म करता था और मारपीट कर उनका उत्पीड़न करता था। साथ ही, किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। घर से बाहर जाने पर वह घर का ताला लगाकर जाते थे और इन युवतियों को किसी से बात भी नहीं करने दी जाती थी।

प्लेसमेंट एजेंसी की भी होगी जांच
पुलिस ने बताया कि इस मामले में जिस प्लेसमेंट एजेंसी का नाम आया है, उसकी भी जांच की जाएगी कि उसके द्वारा क्षेत्र में और किन स्थानों पर गैर राज्यों से आईं युवतियों को काम पर लगवाया गया है। इन युवतियों से संपर्क कर उनका सत्यापन कर पुष्टि की जाएगी कि कहीं और तो इस तरह से उनका शोषण नहीं हो रहा है।

 

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