मां पीताम्बरा कल देंगी भक्तों को दर्शन, दतिया में रुकना, खाना, आना-जाना सब निःशुल्क

दतिया
पीतांबरा पीठ माई के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के दतिया में बुधवार को पहली बार मां पीतांबरा लोगों को आशीर्वाद देने मंदिर से बाहर आएंगी. इसको लेकर दतिया में भव्य तैयारियां की गई हैं. इस भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दूरदराज के माई के भक्त दतियां पहुंचेंगे. उधर, भक्तों के स्वागत के लिए पूरे दतिया में बुधवार को सब कुछ फ्री होगा.

यह बोले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
बुधवार को दतिया में पहुंचने वाले भक्त किसी भी होटल में रुक सकते हैं. कहीं भी खाना खा सकते हैं. यहां तक कि आटो से यात्रा करने पर भी भक्तों से कोई पैसा नहीं लेगा. दतिया से विधायक और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दतिया में बुधवार को एक परंपरा शुरू होने जा रही है. हम रहें या न रहें, लेकिन यह परंपरा चालू रहेगी. भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकलती है, जिसने भी शुरू की होगी. वह नहीं है, लेकिन परंपरा चल रही है.

मां के भक्त शुरू कर रहे हैं नई परंपरा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बाबा महाकाल की सवारी भी सैकड़ों साल से निकल रही है, लेकिन जिसने भी इसे शुरू कराया, वह अब हैं या नहीं, नहीं पता. कल हम भी न होंगे, लेकिन यह परंपरा होगी. माई के भक्तों के द्वारा यह परंपरा शुरू की जा रही है. इसमें पूरे देश के माई के भक्त पहुंच रहे हैं. दतिया में सभी होटल, लॉज, खाना निःशुल्क कर दिया गया है.

1935 में हुई थी सिद्धपीठ की स्थापना
मां पीतांबरा पीठ की स्थापना सिद्ध संत स्वामी जी ने 1935 में स्थापना की थी. कहा जाता है कि पीतांबरा देवी अपना दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. मां के दर्शन के लिए दूरदराज से लोग पहुंचते हैं. पीतांबरा माई को राजसत्ता की देवी भी कहते हैं. राज सत्ता पाने के लिए यहां कई नेता गुप्त पूजा-अर्चना कराते हैं. मंदिर प्रांगण में स्थित बनखंडेश्वर महादेव शिवलिंग को महाभारत काल का बताया जाता है.

 

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