रबी सीजन 2025-26: 92 हजार से अधिक मिनीकिट देकर किसानों को समृद्ध करेगी योगी सरकार
रबी सीजन 2025-26: 92 हजार से अधिक मिनीकिट देकर किसानों को समृद्ध करेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग किसानों के लिए चला रही अनेक प्रोत्साहन व अनुदान कार्यक्रम
किसानों की चलेगी पाठशाला, उत्पादन के लिए नई तकनीक जानेंगे कृषक
रबी सीजन में पूरे प्रदेश में चलाई जाएगी 8385 किसान पाठशाला
किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये का दिया जाएगा अनुदान
दलहनी फसलों के बीजों पर भी अनुदान दे रही योगी सरकार
खरीफ फसलों की अपेक्षा रबी में दलहनी फसल का क्षेत्रफल व उत्पादन होता है अधिक
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग किसानों के लिए निरंतर अनेक प्रोत्साहन योजना व अनुदान कार्यक्रम चला रही है। इसी क्रम में रबी फसल के मद्देनजर योगी सरकार किसानों को 92 हजार से अधिक मिनीकिट देकर समृद्ध करेगी। इसके साथ ही उत्पादन की नई तकनीक से अवगत कराने के लिए कृषि विभाग 8385 किसान पाठशाला भी चलाएगा। गौरतलब है कि रबी फसल में दलहनी फसलों का क्षेत्रफल एवं उत्पादन खरीफ मौसम की अपेक्षा अधिक होता है। साथ ही रबी के मौसम में फसलों पर कीट एवं व्याधि का संक्रमण भी कम होता है, जिससे दलहनी फसलों की उत्पादकता अधिक प्राप्त होने की संभावना होती है।
दलहनी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अनेक योजनाएं चला रहा कृषि विभाग
रबी में दलहनी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा भी किसानों के लिए कई प्रोत्साहन योजना एवं अनुदान आधारित कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विशेष रूप से योगी सरकार द्वारा नवीन प्रजातियों के प्रोत्साहन के लिए दलहनी फसलों के निःशुल्क मिनीकिट, एकड़ प्रदर्शन एवं किसान पाठशाला चलाये जा रहे हैं। योगी सरकार किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये के अनुदान के साथ ही उत्पादन की नवीन तकनीक के प्रसार के लिए किसान पाठशाला भी चला रही है।
रबी सीजन 2025-26 में 92518 मिनी किट और 8385 किसान पाठशाला का लक्ष्य
वर्तमान रबी सीजन में 92518 मिनीकिट, 8385 खंड प्रदर्शन तथा 8385 किसान पाठशाला का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन मिशन के अंतर्गत 10 वर्ष से कम अवधि के दलहनी फसलों के बीजों पर 5000 रुपये प्रति कुंतल, 10 वर्ष से अधिक अवधि के दलहनी फसल के बीजों पर 2500 रुपये प्रति कुंतल, क्लस्टर प्रदर्शन पर 9000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा फसल पद्धति प्रदर्शन पर 15000 रुपये प्रति हेक्टेयर के अनुदान की सुविधा है। किसानों को बीजों पर अनुदान एटसोर्स अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदर्शन का अनुदान चयनित किसानों के खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से हस्तांतरित किया जायेगा।
प्रदेश सरकार किसानों को अन्नदाता मानकर उनके उत्थान के लिए निरंतर प्रयत्न कर रही है। इसी क्रम में रबी सीजन में उत्पादन बढा़ने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश स्तर पर रबी गोष्ठी भी हुई थी, जिसके माध्यम से हजारों किसानों ने खेती में नवीनीकरण की जानकारी प्राप्त की। किसान बीज शोधन, जैव रसायन व कृषि रक्षा रसायन से बीज शोधित करके ही बोआई करें, जिससे बीज जनित एवं भूमि जनित रोगो के संक्रमण की संभावना नहीं रहती है। साथ ही राइजोबियम कल्चर से शोधित करने पर मृदा में 20-25 किग्रा. नाइट्रोजन का स्थिरीकरण हो जाता है। इससे आगामी फसलों की लागत कम हो जायेगी तथा उत्पादकता में वृद्धि हो सकेगी।