जालंधर के अमृतधारी सिख ने अमेरिका में बजाया डंका, रचा नया इतिहास
जालंधर
अमेरिका के कनेक्टिकट शहर में हुए स्थानीय चुनावों में जालंधर के स्वर्णजीत सिंह खालसा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर न सिर्फ सिख समुदाय, बल्कि पूरे पंजाब का नाम रोशन किया है। वह कनेक्टिकट के पहले सिख मेयर बने हैं। चुनाव में उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार पीटर नाइस्ट्रम की जगह लेते हुए नॉरविच शहर की कमान संभाल ली है। स्वर्णजीत सिंह ने 2,458 वोट पाकर जीत हासिल की, जबकि उनके मुकाबले ट्रेसी गॉल्ड को 2,250 और स्वतंत्र प्रत्याशी मार्शिया विल्बर को केवल 110 वोट मिले। इस जीत से डैमोक्रेटिक पार्टी को भी नॉरविच में महत्वपूर्ण बढ़त मिली, जहां पहले लंबे समय तक रिपब्लिकन का प्रभाव रहा था।
संघर्ष से नेतृत्व तक का सफर
स्वर्णजीत सिंह खालसा का परिवार 1984 के सिख नरसंहार के दौरान विस्थापित हुआ था। बाद में परिवार फिर पंजाब में बसा और फिर स्वर्णजीत 2007 में रोज़गार और अपने नए भविष्य की तलाश में अमेरिका पहुंचे। नॉरविच में उन्होंने शुरुआत में गैस स्टेशन चलाया और बाद में रियल एस्टेट कारोबार में भी पहचान बनाई। 2021 में वह नॉरविच सिटी काउंसिल में चुने गए, जो कनेक्टिकट में किसी सिख समुदाय का पहला प्रतिनिधित्व था। अब 2025 में, वह शहर के मेयर बन गए हैं — यह सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
लोगों के बीच भरोसा और काम का असर
चुनाव प्रचार के दौरान स्वर्णजीत ने स्थानीय मुद्दों को केंद्र में रखा, जिनमें किफायती आवास, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा, समुदाय में एकजुटता प्रमुख रहे। खालसा अब शहर के बुनियादी ढांचे और डाऊनटाऊन विकास को आगे बढ़ाने के लिए नगर विकास एजैंसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इससे स्थानीय व्यापारियों, जिनमें पंजाबी और भारतीय समुदाय भी शामिल हैं, के लिए नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उनके समर्थन में न सिर्फ पंजाबी या एशियाई समुदाय आए, बल्कि स्थानीय अमेरिकी परिवारों ने भी उन पर भरोसा जताया। कांग्रेसी सदस्य जो कोर्टनी ने उनके साथ डोर-टू-डोर जाकर प्रचार किया।
पहचान और मूल्यों से जुड़ी छवि
एक अमृतधारी सिख होने के नाते उन्होंने समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने का काम भी किया। उन्होंने स्कूलों में जाकर बच्चों को सिख इतिहास और पगड़ी की गरिमा के बारे में समझाया और नफरत अपराधों के खिलाफ आवाज उठाई।
एफ.बी.आई. भी कर चुकी है सम्मानित
स्वर्णजीत सिंह खालसा ने यू.एस. में स्थानीय कानून प्रवर्तन एजैंसियों के साथ मिलकर पुलिस अधिकारियों को सिख धर्म, पगड़ी और किरपान की वास्तविकता व महत्व के बारे में शिक्षित किया। उनके काम के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए एक अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजैंसी ने उनका नामांकन किया था और उन्हें एफ.बी.आई. लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया। 9/11 के बाद अमेरिका में कई बार सिखों, मुसलमानों और अरब समुदायों को गलत पहचान के कारण निशाना बनाया गया। स्वर्णजीत सिंह खालसा ने न केवल सिखों के लिए, बल्कि उन सभी समुदायों के लिए आवाज उठाई, जिन्हें किसी और की हिंसा और नफरत की कीमत चुकानी पड़ी। अपने अभियानों में वे पुलिस और नागरिकों को बताते रहे हैं कि पगड़ी पहचान है, हथियार नहीं। पगड़ी सिख की शान है, उसकी असल पहचान किरपान कोई हथियार नहीं, बल्कि धार्मिक अनुशासन और सत्य की रक्षा का प्रतीक है।
पिता परमिंदरपाल सिंह खालसा भी हैं राजनीति से जुड़े
बेटे सरवनजीत सिंह के मेयर बनने पर उनके पिता परमिंदरपाल सिंह खालसा बेहद खुश हैं। वह पंजाब में राजनीति से जुड़े हैं। शिरोमणि अकाली दल के जिला यूथ प्रधान से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय सीनियर उपाध्यक्ष के पद पर भी वह रहे। राजनीति के साथ-साथ सिख सेवक सोसायटी के साथ मिल कर वह लोक सेवा का काम कर रहे हैं। वह सोसाइटी के भारत में प्रमुख की भूमिका निभा रहे हैं। कोरोना से लेकर पंजाब में बाढ़ के हालात में उनकी सोसाइटी की तरफ से प्रभावित लोगों को हर प्रकार की सहायता दी जा रही है, जिसमें भोजन से लेकर बीज और मकान बना कर दिए जाने की योजना भी शामिल है।



